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नमन करते हैं हम

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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आजादी के सौन्दर्य को,
नमन करते हैं हम-सब
आज़ के दिन यहाँ,
आजादी का जश्न मनाते हैं
हम लोग मिल-जुलकर यहाँ।

यह एक सुखद अहसास का,
मानो पल मिला लगता है
खुशियाँ और सुकून इस शुभ दिन में,
हर दिल में पलता दिखता है
यह अंग्रेजी हुकूमत का,
अनन्त अन्त बताता है
भारतवर्ष की अस्मिता को,
सुरक्षित होने के दिन से
यह शुभ दिन जाना जाता है।

लाखों कुर्बानियाँ आज भी,
हर भारतीय को याद कराती हैं
स्वतन्त्रता सेनानियों के लिए,
फूलों से स्मरण करने की
अपूर्व शक्ति दे जाती है।

यह जीवन की सबसे बड़ी,
खुशी हर भारतीय को दिलाता है
हर व्यक्ति इस दिन,
देशभक्ति गीत गाकर मन में
राष्ट्रीयता को जागृत कर,
सबमें खुशियाँ भरने में,
सबसे पहले खड़ा हो जाता है।

आओ हम-सब मिलकर यहाँ,
उन्नति और प्रगति पथ पर
आगे बढ़ने की क़सम खाएं।
आजादी के पवित्र दिन पर,
देशभक्ति के गीतों से
भारतवर्ष को सुकून देने में लग जाएं॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।