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नवरात्रि में हुई कविताओं की बौछार

गोष्ठी…

धनबाद (झारखंड)।

नवरात्रि के प्रथम दिन सामाजिक साहित्यिक जागरुकता मंच (मुम्बई) की ६४वीं राष्ट्रीय काव्य गोष्ठी आभासी रूप में हुई। इसमें राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न क्षेत्र से कवियों की सहभागिता हुई।
यह गोष्ठी जगत जननी माता के नव रूपों, नव शक्तियों को, नव साधनाओं नव भक्तियों को समर्पित रही। संस्था के संस्थापक, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सचिव की उपस्थिति में जुटे कवियों ने घंटों एक से बढ़कर एक काव्य बौछार से गोष्ठी को बांधे रखा। अध्यक्षता विदुषी साहित्यकार कुसुम सिंह ‘अविचल’ (कानपुर) ने की। इस अवसर पर प्रमुख अतिथि स्वरूप रंजन श्रीवास्तव (धनबाद) रहे। झारखंड से ही विशेष अतिथि निभा राजीव निर्वी रही। अंजना सिन्हा ‘सखी’ भी उपस्थित रहीं। स्नेहा प्रभा पांडेय द्वारा प्रस्तुत दोहा बहुत सराहा गया। कुसुम सिंह ने वाणी वंदना से लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया, तो रश्मि कमल (नोएडा) की सरस्वती वंदना ने माँ शारदे को आमंत्रित किया। संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष भोलानाथ तिवारी ‘मूर्धन्य-भरतांचली’ ने अतिथियों और साहित्य मनीषियों का स्वागत किया। समीक्षा संबोधन में संस्था के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. कृपा शंकर मिश्र ने कविता को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें बताई।
इस अवसर पर कई दिग्गज कवियों ने प्रस्तुति दी, जिनमें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. उमेश चंद्र शुक्ल, नरेंद्र नौडीयाल, सुधीर यादव, अर्जुन धर द्विवेदी, डॉ. संगीता नाथ, रत्ना वर्मा ‘राज’ और रिंकू दुबे ‘वैष्णवी’ आदि रहे।
संचालन संस्था के संस्थापक संजय सिंह ‘चंदन’ ने किया। डॉ. मिश्र ने आभार व्यक्त किया।