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पक्षियों से प्रेम

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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शहरी क्षेत्र भी प्रकृति से,
अनजान नहीं है
झुण्ड में खुशहाली लाने में,
सुबह-सुबह पक्षियों का
छत पर आकर विचरण करने का उधम,
हम-सब पर एक अहसान है।

यह हमें अद्भुत प्यार पाने का,
अभूतपूर्व अवसर देता है
साथ-साथ टहलते हुए,
साथ-साथ चलने का
अवसर देता है।

छोटे-से पैरों के सहारे निर्भीक होकर,
दाने चुनने की शरारत
अच्छी लगती है,
टंकी से गिरा हुआ पानी पीने की झलक
खूबसूरत दिखती है।

सुबह-सुबह पक्षियों को दाना डालने से,
मन प्रफुल्लित हो उठता है
नन्हें सुमन के कदमों से, कदमताल करते हुए
साथ-साथ घूमने का पल,
मनोरंजन करते हुए
खुशियाँ और सुकून देने वाली ताकत बनकर,
हृदय तल में खुशहाली लाने का
सुन्दर करतब दिखता है।

यह मेरी सुबह-सुबह की दिनचर्या है,
सबके सामने खड़ा हो
खुशियाँ और आनन्द बांटने का
एक खूबसूरत अन्दाज है।
हमेशा सकारात्मक सोच से हमें,
अवगत कराने का प्रयास कर
आसपास के लोगों में भर देता इर्ष्या है॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।