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परमात्मा

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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परमात्मा मन में बसे,देखो आप निहार।
पाओगे अंतर हृदय,बैठे वो साकारll

सत्य कर्म की राह पर,चलते सबके संग।
निराकार साकार भी,इसके अपने रंगll

हर प्राणी के उर बसे,शांत चित्त भगवान।
कर लो दर्शन आप ही,परमात्मा हो ध्यानll

धरती के कण-कण बसे,निराकार गतिमान।
जल-थल अम्बर दीप्त है,सरल सौम्य भगवानll

परमात्मा की खोज में,कहाँ चले तुम यार।
अंतर मन में व्याप्त है,खोज चलो इक बारll

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