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पाक चिल्लाया

शशांक मिश्र ‘भारती’
शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश)

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देशभक्ति है,
परत दर खुली
नौटंकी धुली।

शोर-शराबा,
काम नहीं है आया
पाक चिल्लाया।

सच का मित्र,
वही हो सकता है
कष्ट का इष्ट।

ढोल की पोल,
खोली मोदी-शाह ने
पाक न बोल।

राहु लगा कि,
वायनाड़ चीखता
बाढ़ हांलांकि।

बाढ़ का देश,
हर साल है आती
कार्य न वेश।

नीति गिर के,
शत्रुओं का मसाला
पाक थिरके।

नजरबंदी,
बहुत बड़ा मुद्दा
कैसी है भक्ति।

मन के बड़े,
दल का दलदल
बैठे न खड़े।

शत्रु पलते,
हमारे ही घर से
खाद पड़ते।

परिचयशशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में हैंl वर्तमान तथा स्थाई पता शाहजहांपुर ही हैl उत्तरप्रदेश निवासी श्री मिश्र का कार्यक्षेत्र-प्रवक्ता(विद्यालय टनकपुर-उत्तराखण्ड)का हैl सामाजिक गतिविधि के लिए हिन्दी भाषा के प्रोत्साहन हेतु आप हर साल छात्र-छात्राओं का सम्मान करते हैं तो अनेक पुस्तकालयों को निःशुल्क पुस्तक वतर्न करने के साथ ही अनेक प्रतियोगिताएं भी कराते हैंl इनकी लेखन विधा-निबन्ध,लेख कविता,ग़ज़ल,बालगीत और क्षणिकायेंआदि है। भाषा ज्ञान-हिन्दी,संस्कृत एवं अंगेजी का रखते हैंl प्रकाशन में अनेक रचनाएं आपके खाते में हैं तो बाल साहित्यांक सहित कविता संकलन,पत्रिका आदि क सम्पादन भी किया है। जून १९९१ से अब तक अनवरत दैनिक-साप्ताहिक-मासिक पत्र-पत्रिकाओं में रचना छप रही हैं। अनुवाद व प्रकाशन में उड़िया व कन्नड़ में उड़िया में २ पुस्तक है। देश-विदेश की करीब ७५ संस्था-संगठनों से आप सम्मानित किए जा चुके हैं। आपके लेखन का उद्देश्य- समाज व देश की दशा पर चिन्तन कर उसको सही दिशा देना है। प्रेरणा पुंज- नन्हें-मुन्ने बच्चे व समाज और देश की क्षुभित प्रक्रियाएं हैं। इनकी रुचि- पर्यावरण व बालकों में सृजन प्रतिभा का विकास करने में है।

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