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पिता में भी माँ…

प्रो. लक्ष्मी यादव
मुम्बई (महाराष्ट्र)
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एक पिता में भी माँ छुपी होती है,
ऊपर से सख्त, लेकिन अंदर से बहुत नाजुक होते हैं।

एक पिता में भी माँ छुपी होती है,
माना कि पिता बहुत सख्त होते हैं।

बेटे को चोट लगने पर पिता भी रोते हैं,
पथ के संकट को सहते, कभी किसी से कुछ न कहते हैं।

परिवार के मनोरथ को पूरा करते हैं,
माता-पिता का यह रिश्ता अनोखा होता है।
एक धूप, तो एक छाँव होता है।

माँ की ममता सबको दिखती,
पिता का पितृत्व किसी को न दिखती।

माना कि पिता बहुत सख्त होते हैं,
लेकिन एक पिता में भी माँ छुपी होती है…॥

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