डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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राष्ट्रपिता महात्मा कहूं अथवा,
गांधी जी कहकर पुकारा जाए
‘हे राम’ की अन्तिम आवाज़ से,
क्या आपको याद किया जाए।
‘बापू’ के नाम से श्रद्धांजलि,
आज़ यहां हम उन्हें देते हैं
पोरबंदर के वैभव पुरूष के,
उन्नत चमत्कार को दिल से
दिल में समाने का एक निर्णय,
आज़ दिल से सम्मान उन्हें देते हैं।
पूरे आर्यावर्त में बापू ने किया,
अद्भुत चमत्कार और खूब कमाल
महात्मा की अहिंसक नीति ने,
बदल दिया था आन्दोलन का सब हाल।
बापू यह देश उपकार और मदद आपकी,
सदियों तक नहीं भूलेगा
अपने वतन के अनमोल रत्न को,
कभी पीछे नहीं धकेलेगा।
पतली-दुबली काया,
नहीं रहीं अंग्रेजों के समक्ष
कमजोर व न बनी कभी कमजोरी,
बापू तेरी अहिंसक छाया
ज़िद पर अडिग विश्वास की धुन,
सदैव अंग्रेजों पर पड़ी बहुत भारी।
हरपल याद आएंगे आप यहां,
देश में सर्वत्र स्वीकार्य हैं सबके
हृदय में आज़ तक बसे हुए हैं यहां,
‘शहीद दिवस’ के अवसर पर
महात्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करें,
आओ हम-सब मिलकर यहां।
राष्ट्रपिता को दिल से याद करते हुए,
राष्ट्रीय गौरव को लाएं राष्ट्र के बीच।
याद करें उनके योगदान को,
सुन्दर प्रतीक के रूप में चित्रित करें॥
परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।