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प्यारा भारत देश हमारा

मनोरमा चन्द्रा
रायपुर(छत्तीसगढ़)
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प्यारा भारत देश हमारा,
नित-नित उसका,गुणगान करें
देश के पूत हैं हम सब,
राष्ट्र-विकास का भाव भरें।

साहस धर वीरता से,
देशद्रोहियों का संहार करें
कदम-कदम पर साथ चलते,
देश के लिए तन-मन वार करें।

दहकते शोलों की आग बन,
चमकते शौर्य का, प्रकाश बन
दुश्मनों को पराजित करने,
हर पथ पर तू ढाल बन।

हिन्दू,मुस्लिम,सिख,ईसाई,
सब होते हम भाई-भाई
राष्ट्र धर्म के लिए जिएं हम,
देश उन्नति की लड़ें लड़ाई।

कर परित्याग भेदभाव का,
अंतर्मन से,उत्तेजित हो
मिटा जा तमस मन से,
राष्ट्र-प्रेम का शब्द विदित हो।

जन्म लिया है मातृभूमि पर,
कर्ज उसका चुकाना है
अपने कर्म के बल-बूते हो समर्पित,
देश को विकसित बनाना है॥

परिचय-श्रीमति मनोरमा चन्द्रा का जन्म स्थान खुड़बेना (सारंगढ़),जिला रायगढ़ (छग) तथा तारीख २५ मई १९८५ है। वर्तमान में रायपुर स्थित कैपिटल सिटी (फेस-2) सड्डू में निवासरत हैं,जबकि स्थाई पता-जैजैपुर (बाराद्वार),जिला जांजगीर चाम्पा (छग) है। छत्तीसगढ़ राज्य की श्रीमती चंद्रा ने एम.ए.(हिंदी) सहित एम.फिल.(हिंदी व्यंग्य साहित्य), सेट (हिंदी)सी.जी.(व्यापमं)की शिक्षा हासिल की है। वर्तमान में पी-एचडी. की शोधार्थी(हिंदी व्यंग्य साहित्य) हैं। गृहिणी व साहित्य लेखन ही इनका कार्यक्षेत्र है। लेखन विधा-कहानी,कविता,हाइकु,लेख (हिंदी,छत्तीसगढ़ी)और निबन्ध है। विविध रचनाओं का प्रकाशन कई प्रतिष्ठित दैनिक पत्र-पत्रिकाओं में छत्तीसगढ़ सहित अन्य क्षेत्रों में हुआ है। आप ब्लॉग पर भी अपनी बात रखती हैं। इनके अनुसार विशेष उपलब्धि-विभिन्न साहित्यिक राष्ट्रीय संगोष्ठियों में भागीदारी व शोध-पत्र प्रस्तुति,राष्ट्रीय-अंतर्राष् ट्रीय पत्रिकाओं में १३ शोध-पत्र प्रकाशन व  साहित्यिक समूहों में लगातार साहित्यिक लेखन है। मनोरमा जी की लेखनी का उद्देश्य-हिंदी भाषा को लोगों तक पहुँचाना व साहित्य का विकास करना है।

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