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बचपन

आरती जैन
डूंगरपुर (राजस्थान)
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विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष………..

हर गलती जहाँ
हो जाती थी मेरी माफ,
वो बचपन था मेरा
कितना प्यारा और साफl

नहीं लगता था मुझे डर
थामने से किसी की उंगली,
अपनी-सी थी वो
प्यारी-प्यारी हर गलीl

नहीं आती थी कोई शर्म
जब आँखों में आती नमी,
दिखावटी जग में मुझे नहीं
सताती थी कोई कमीl

आँसू के संग भी
मैं कितना हँसती थी,
बिना फरेब के अपने
दिल की बात कहती थीl

सच कहते हैं बचपन
सबसे अच्छा होता है,
मेरे रब की तरह
यह सच्चा होता हैl

बिना आकांक्षा के
छूते थे रब का दर,
बस एक चॉकलेट
का मांगते थे वरl

ममता का था हर
समय एक आँचल,
आँखों में रहता वो
बिखरा-सा एक काजलl

जरूरी नहीं थी तब
एक सुंदर-सी काया,
एक आइसक्रीम की
छायी रहती थी मायाl

मिट्टी के संग हुए
हैं हम बचपन से बड़े,
आज भी बचपन की
यादों के संग हैं खड़ेl

क्या होगा इस नवीनता
की ओर अग्रसर पीढ़ी का,
जिन्हें बाल-रूप में सहारा
चाहिए मोबाइल रूपी सीढ़ी काll

परिचय : श्रीमती आरती जैन की जन्म तारीख २४ नवम्बर १९९० तथा जन्म स्थली उदयपुर (राजस्थान) हैl आपका निवास स्थान डूंगरपुर (राजस्थान) में हैl आरती जैन ने एम.ए. सहित बी.एड. की शिक्षा भी ली हैl आपकी दृष्टि में लेखन का उद्देश्य सामाजिक बुराई को दूर करना हैl आपको लेखन के लिए हाल ही में सम्मान प्राप्त हुआ हैl अंग्रेजी में लेखन करने वाली आरती जैन की रचनाएं कई दैनिक पत्र-पत्रिकाओं में लगातार छप रही हैंl आप ब्लॉग पर भी लिखती हैंl

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