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बोल मेरे मिट्ठू बोल तू

ममता तिवारी ‘ममता’
जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)
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मेरे प्रश्नों का उत्तर दो
प्रिय राम प्यारे पुत्तर हो
ढोल लोग का पोल खोल तू,
बोल मेरे मिट्ठू बोल तू…।

तोता हरि का कहलाऊंगा,
रंच भी मैं न घबराउंगा
पूछो,नहीं ही कुछ मेरा काम,
श्री राम जै राम जै जै राम।

बड़ा कौन और ओछा कौन
बोलो ना मिट्ठू रह न मौन।

एक मालिक संसार यही है,
राम आधार राम सही है
बड़ा वही है जगत में मान
करता है जो राम का काम।
श्री राम जै राम जै राम…

ओछा वह जो राम न जाने
राम काज पर करे बहाने
जो मुख न गाये राम गान
उनके रहते दो कौड़ी दाम।
श्री राम जै राम जै जै राम…

मोटा कौन है कौन छोटा
मिट्ठू बोल कौन है खोटा।

राम प्रभु ने राज पाठ छोड़ा,
जग भलाई से स्व को जोड़ा
मर्यादा रह दुख दिया लगाम,
ऐसे राम को मेरा प्रमाण।
श्री राम जैराम जै जै राम…

मोटी मति प्रश्न खड़े करे
खलपंचक छोटी बुद्धि धरे
खोटा समझे न त्याग गुमान,
रट महिमा जग सुबह शाम।
श्री राम जै राम जै जै राम…

कौन नीच और कौन कीच है
बोल मिट्ठू कौन मरीच है।

नरपिशाच बन मारे काटे
मानवता को मारे चांटे
राम देखते धनुष को तान,
नीच का काम करेंगे तमाम।
श्री राम जै राम जय जय राम…

मुँह नाक छुपा कर व्यभिचार
सूर्पनखा करे अत्याचार।
मारीच देख छल तामझाम,
कीच पड़े करता कोहराम।
श्री राम जै राम जै राम…॥

परिचय–ममता तिवारी का जन्म १अक्टूबर १९६८ को हुआ है। वर्तमान में आप छत्तीसगढ़ स्थित बी.डी. महन्त उपनगर (जिला जांजगीर-चाम्पा)में निवासरत हैं। हिन्दी भाषा का ज्ञान रखने वाली श्रीमती तिवारी एम.ए. तक शिक्षित होकर समाज में जिलाध्यक्ष हैं। इनकी लेखन विधा-काव्य(कविता ,छंद,ग़ज़ल) है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैं। पुरस्कार की बात की जाए तो प्रांतीय समाज सम्मेलन में सम्मान,ऑनलाइन स्पर्धाओं में प्रशस्ति-पत्र आदि हासिल किए हैं। ममता तिवारी की लेखनी का उद्देश्य अपने समय का सदुपयोग और लेखन शौक को पूरा करना है।

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