ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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शक्ति, भक्ति और दिखावा…
भक्ति में भाव मिलते हैं,
ईश्वर के प्रति लगाव मिलते हैं
कर्त्तव्य पथ पर चलने वालों को,
घर-घर में ठहराव मिलते हैं।
कितना भी कोई कर ले सितम,
काम आएगा रहमो-करम
नफ़रत करने वालों के यहाँ,
अक्सर अलगाव मिलते हैं।
भक्ति में शक्ति होती है,
ईश्वर से आसक्ति होती है
घोर दिखावा करने वालों के,
दिल में भटकाव मिलते हैं।
सेवा-भाव में राम है,
स्वार्थ में कहाँ आराम है !
जिनके मन में दया-धर्म नहीं,
जीवन में टकराव मिलते हैं।
अपने मन में भाव जगाओ,
ईश्वर के प्रति लगाव लगाओ।
मानव धर्म निभाने वालों में,
स्नेह भरे सुझाव मिलते हैं॥
परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।