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भाई स्नेह की डोर

ममता बैरागी
धार(मध्यप्रदेश)

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भैया पिता का रूप है,
माता का स्वरूप।
भाई से खुशियां मिलती,
भाई स्वागत द्वार।
भाई अच्छा मित्र होता,
भाई से बढ़ कर कोई नहीं
यह सुंदर,सुगंधित इत्र।
भाई-बहन का पावन रिश्ता,
दोनों स्नेह की डोर।
आओ आज मिलकर मनाएं,
प्यारा यह त्यौहार।
इस दिन मिलती हमें,
सबसे प्यारी खुशियां अपार॥

परिचय–ममता बैरागी का निवास मध्यप्रदेश के धार जिले में है। आपकी जन्‍म तारीख ९ अप्रैल १९७० है। श्रीमती बैरागी को हिन्‍दी भाषा का ज्ञान है। एम.ए.(हिन्‍दी) एवं बी.एड. की शिक्षा प्राप्त करके कार्य क्षेत्र-शिक्षण(सहायक शिक्षक ) को बनाया हुआ है। सामाजिक गतिविधि-लेखन से जागरूक करती हैं। संग्रह(पुस्‍तक)में आपके नाम-स्‍कूल चलें हम,बालिका शिक्षा समाज,आरंभिक शिक्षा और पतझड़ के फूल आदि हैं। लेखनी का उदेश्‍य-समाज में जागरूकता लाना है। आपके लिए प्रेरणापुंज- पिता तथा भाई हैं। आपकी रुचि लेखन में है।

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