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भारतीय भाषाओं के बिना अंग्रेजी के बल पर भारत जीवित नहीं रह सकता-राहुल देव

जयपुर(राजस्थान)।

वामपंथ ने हमारे भारतीय आत्मबोध को बहुत नुकसान पहुंचाया है,किंतु अब वह भारत के लिए चुनौती नहीं रहा है बल्कि अंग्रेजी तथा अंग्रेजीयत भारतीयता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। आने वाले समय में भारत आर्थिक रूप से निश्चित तौर पर प्रगति करेगा,किंतु भारतीय भाषाओं के बिना अंग्रेजी भाषा के बल पर भारत जीवित नहीं रह सकता।
विश्व संवाद केन्द्र द्वारा नारद जयंती के अवसर पर पत्रकारों के सम्मान के साथ ही भाषा,साहित्य व संस्कृति के सवालों पर जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव ने संबोधित करते हुए यह बात कही। आपने कहा कि,समाज को अप्रिय सत्य को स्वीकार करने का भाव रखते हुए ईमानदार पत्रकारों की भी चिंता रखनी चाहिए। राहुल देव ने कहा कि पत्रकार के कार्य की तुलना अन्य किसी भी कार्य से नहीं हो सकती। पत्रकार के कर्म से छवि निर्मित होती है,इसलिए पत्रकार का कार्य विशिष्ट है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह क्षेत्र प्रचारक निंबाराम ने कहा कि देश में भारत तथा भारतीयता को लेकर बड़े स्तर पर चिंतन भी चल रहा है तथा अनेक संगठन इस दिशा में काम भी कर रहे हैं। विशिष्ट अतिथि पशुपति कुमार शर्मा ने कहा कि इस समय देश तथा पत्रकारिता दोनों के समक्ष अनेक चुनौतियां हैं। समाज में अपराध बढ़ रहे हैं तथा युवाओं में हीन भावना आ रही है।
कार्यक्रम की प्रस्तावना वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप शेखावत ने रखी। आयोजन समिति के सचिव मुरारी गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के दौरान कई पत्रकारों को सम्मानित किया गया।
(सौजन्य:वैश्विक हिंदी सम्मेलन,मुम्बई)

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