कुल पृष्ठ दर्शन : 189

You are currently viewing मैं गुलाब हूँ…

मैं गुलाब हूँ…

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
***************************************

मैं गुलाब हूँ,
मेरी फितरत पर मत जाना
मैं इश्क़ लुटाता हूँ,
सोये हुए अरमान जगाता हूँ,
मैं गुलाब हूँ…।

मेरा रंग सुर्ख लाल है,
मैं लाली सजाता हूँ
रुठी हुई हसीनाओं को,
पल में मनाता हूँ
मैं गुलाब हूँ…।

मुझे पाकर लोग,
रोमांचित हो जाते हैं
जीवन में खुशियाँ मनाते हैं,
मैं हसीन ख्वाब हूँ
मैं गुलाब हूँ…।

मैं उम्मीदों के दीप जलाता हूँ,
दुल्हन की सेज सजाता हूँ
काँटों के बीच पला-बढ़ा हूँ,
खुशबू फैलाता हूँ
मैं गुलाब हूँ…।

लोग प्रस्ताव करते हैं मुझसे,
मैं जूडे में सज जाता हूँ
कभी माला में गुंथ जाता हूँ।
कभी तस्वीर में चढ़ जाता हूँ,
मैं गुलाब हूँ…॥

परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।

Leave a Reply