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राम आ गए

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’
धनबाद (झारखण्ड) 
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राम आ गए, राम आ गए,
देखो बहना, देखो भैया
अयोध्या में राम आ गए,
अब ‘राम नीति’ कब लाओगे ?

देखा है हमने लड़ते-झगड़ते,
स्वार्थवश सब रिश्ते बिगड़ते
देखना है बस अब हमें यहाँ,
राम समान कर्तव्य निभाते।

राम आ गए, राम आ गए,
देखो बहना, देखो भैया
अयोध्या में राम आ गए,
पर राम-सा ‘त्याग’ कब लाओगे ?

देखा है हमने भाई को,
भाई की सम्पत्ति हड़पते
देखा है हमने एक बेटे को,
अपने पिता से बहस करते।

देखा है हमने एक नेता को,
कुर्सी और सत्ता की खातिर
जनता को दिन-रात छलते,
औरों को बेरहम कुचलते।

राम आ गए, राम आ गए,
देखो बहना, देखो भैया
अयोध्या में राम आ गए,
अब ‘राम राज’ कब लाओगे ?

करता ‘राजू’ प्रार्थना राम से,
हाथ जोड़ कर बारम्बार।
मेरे देश में ‘रामराज’ लाओ,
कर लो प्रार्थना मेरी स्वीकार॥

परिचय– साहित्यिक नाम `राजूराज झारखण्डी` से पहचाने जाने वाले राजू महतो का निवास झारखण्ड राज्य के जिला धनबाद स्थित गाँव- लोहापिटटी में हैL जन्मतारीख १० मई १९७६ और जन्म स्थान धनबाद हैL भाषा ज्ञान-हिन्दी का रखने वाले श्री महतो ने स्नातक सहित एलीमेंट्री एजुकेशन(डिप्लोमा)की शिक्षा प्राप्त की हैL साहित्य अलंकार की उपाधि भी हासिल हैL आपका कार्यक्षेत्र-नौकरी(विद्यालय में शिक्षक) हैL सामाजिक गतिविधि में आप सामान्य जनकल्याण के कार्य करते हैंL लेखन विधा-कविता एवं लेख हैL इनकी लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक बुराइयों को दूर करने के साथ-साथ देशभक्ति भावना को विकसित करना हैL पसंदीदा हिन्दी लेखक-प्रेमचन्द जी हैंL विशेषज्ञता-पढ़ाना एवं कविता लिखना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“हिंदी हमारे देश का एक अभिन्न अंग है। यह राष्ट्रभाषा के साथ-साथ हमारे देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसका विकास हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए अति आवश्यक है।