कुल पृष्ठ दर्शन : 308

You are currently viewing लौट आऊँगा…

लौट आऊँगा…

संजय एम. वासनिक
मुम्बई (महाराष्ट्र)
*************************************

पुलवामा के शहीदों को समर्पित…

तुमने कहा था मैं लौट आऊँगा,
करके वादा चले गए
कई दिन हो गए तुम आए नहीं,
बहुत व्यस्त होंगे अपने काम में
सोचा आज नहीं, तो कल लौट आओगे…।

तुम ज़रूर लौट आओगे,
अब कई महीने गुजर गए
तुम आए नहीं, ना कोई संदेशा,
महीनों से तुम्हारा कुछ अता-पता नहीं
सोचा आज नहीं, तो कल लौट आओगे…।

बरस होने को आ गया पता है मुझे,
तुम सुदुर बर्फीले पहाड़ों में
घूम रहे होंगे
प्रकृति का आनंद लेते हुए,
शायद इसलिए तुम्हारा लौट आने का मन नहीं कर रहा होगा
फिर भी मैं तुम्हारा इंतज़ार करती रही,
सोचा आज नहीं, तो कल लौट आओगे…।

और एक दिन सचमुच,
तुम्हारे लौट आने की खबर आई
सुनकर खबर मैं मैं ना रही,
दिल क़ाबू में नहीं रहा
तुम्हारे लौट आने की खबर से,
साँसों और दिल की धड़कनों में
मानो होड़-सी लग गई तेज दौड़ने की,
और तुम लौट आए एक दिन
चार लोगों के साथ
फूलों से सजी-धजी गाड़ी में
तिरंगे की शाल ओढ़कर।
आज तो तुम लौट ही आए,
मेरे पास हमेशा-हमेशा के लिए…॥