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विश्व वंदित स्वामी विवेकानंद

नमिता घोष
बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
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स्वामी विवेकानंद जयंती विशेष…..

‘उठो,जागो,जब तक लक्ष्य तक न पहुँच पाओ तब तक निश्चिंत मत बैठो। उठो फिर से एक बार उठो, बिना त्याग के कुछ नहीं हो सकता,यदि दूसरों की सहायता करना चाहते हो तो तुम्हें अपने अहम का त्याग करना होगा।’
आकाश अनेक तारा नक्षत्र से भरा हुआ है, जिसमें एक दैदीप्यमान तारे को सभी पहचानते हैं,वह है-ध्रुव तारा। ठीक उसी तरह विश्व के विशाल जन समुद्र में एक ज्योतिर्मय पुरुष को कौन नहीं जानता, वे हैं स्वामी विवेकानंद। प्रकृति जिसकी वंदना करते नहीं थकती,धरती माँ ऐसे गर्व पुरुष पर गर्व करते नहीं थकती,वो है विश्व वंदित स्वामी विवेकानंद। उन्हीं के शब्द हैं -“मैं उस धर्म पर विश्वास नहीं करता,जो धर्म विधवा की आँखों का जल नहीं पोंछ पाता,जो धर्म असहायों,अनाथों की रक्षा नहीं कर पाता।” उनकी दोनों आँखों की पलको में असहायों के लिए असीम वेदना,करुण व्यथा समाहित थी।
उन्होंने दिव्य कंठ से घोषणा की- “हे युवा पीढ़ी, सिर्फ गीता पाठ कर स्वर्ग प्राप्ति की इच्छा त्याग दे, बल्कि खेल के मैदान मे जाकर फुटबॉल खेल कर शारीरिक बलशाली तंदरुस्त बनो।” और यह भी कहा- हमारे देश को आवश्यक्ता है लोहे के समान दृढ़ मांसपेशी और इस्पात के समान दृढ़ इच्छा शक्ति की,जिसका प्रतिरोध करने की किसी में शक्ति न हो।
हम लोगों को आज आवश्यकता है शक्ति संचार की। हमें चाहिए पूर्ण सरलता,पवित्रता,विराट बुद्धि तथा सर्व जयी इच्छा शक्ति की। इन सब विशेषताओं से सम्पन्न मुट्ठीभर लोग सारी दुनिया उलट-पुलट कर सकते हैं।
इस नर रूपी नारायण को कोटिशः प्रणाम। अमेरिका के सर्व धर्म सम्मेलन में हिन्दू धर्म का ध्वजारोहण कर वे सिस्टर निवेदिता को लेकर लौटे। ये सेवा-भाव मैत्रेयी बंधन से आकृष्ट रही। उन्होंने घोषणा की कि,नए भारत को गढ़ना है। वे नारी जाति की मुक्ति चाहते थे। उन्होंने कहा-तुम लोग स्त्रियों को शिक्षा देकर छोड़ दो,उसके बाद वे ही बताएंगे,कौन-सा उपयुक्त संस्कार उनके लिए आवश्यक है।

परिचय-नमिता घोष की शैक्षणिक योग्यता एम.ए.(अर्थशास्त्र),विशारद (संस्कृत)व बी.एड. है। २५ अगस्त को संसार में आई श्रीमती घोष की उपलब्धि सुदीर्घ समय से शिक्षकीय कार्य(शिक्षा विभाग)के साथ सामाजिक दायित्वों एवं लेखन कार्य में अपने को नियोजित करना है। इनकी कविताएं-लेख सतत प्रकाशित होते रहते हैं। बंगला,हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषा में भी प्रकाशित काव्य संकलन (आकाश मेरा लक्ष्य घर मेरा सत्य)काफी प्रशंसित रहे हैं। इसके लिए आपको विशेष सम्मान से सम्मानित किया गया,जबकि उल्लेखनीय सम्मान अकादमी अवार्ड (पश्चिम बंगाल),छत्तीसगढ़ बंगला अकादमी, मध्यप्रदेश बंगला अकादमी एवं अखिल भारतीय नाट्य उतसव में श्रेष्ठ अभिनय के लिए है। काव्य लेखन पर अनेक बार श्रेष्ठ सम्मान मिला है। कई सामाजिक साहित्यिक एवं संस्था के महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत नमिता घोष ‘राष्ट्र प्रेरणा अवार्ड- २०२०’ से भी विभूषित हुई हैं।

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