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वे विलक्षण प्रतिभा के धनी थे-डॉ. कर्णसिंह

श्रद्धांजलि-शोकसभा…

दिल्ली।

वे विलक्षण प्रतिभा के धनी थे और उन जैसे बहुआयामी व्‍यक्‍तित्‍व के धनी कम ही लोग पैदा होते हैं। वे सर्वधर्म समभाव के बहुत बड़े पैरोकार थे।
पूर्व विदेश मंत्री एवं प्रसिद्ध विद्वान डॉ. कर्ण सिंह ने डॉ. वेदप्रताप वैदिक को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए शोकसभा में
यह बात कही। प्रसिद्ध चिंतक, लेखक, बुद्धिजीवी, अंतर्राष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ एवं वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वैदिक की स्मृति में रविवार को इंडिया इंटरेशनल सेंटर (दिल्ली) में श्रद्धांजलि सभा में गमगीन वातावरण के दौरान ही हाल ही में प्रकाशित स्व. डॉ. वेदवती वैदिक की पुस्तक ‘उपनिषद्- तत्वज्ञान महाकोष’ का लोकार्पण डॉ. सिंह द्वारा किया गया। डॉ. वैदिक की इच्छा के मुताबिक डॉ. सिंह द्वारा ६ अप्रैल को उसका लोकार्पण प्रस्तावित था।
इस अवसर पर प्रो. एस.डी. मुनि, सुधीन्द्र कुलकर्णी, प्रो. पुष्पेश पंत, वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग व प्रो. अपूर्वानंद ने भी अपने संस्मरण और महत्वपूर्ण विचार साझा करते हुए कहा कि, वे मतभिन्नता को स्वतंत्र अभिव्यक्ति का महत्‍वपूर्ण अंग मानते थे और वाणी से इतने उदार थे कि दूसरों की दिल खोलकर प्रशंसा करते थे। वे नए ढंग और कलेवर से अपने दिल की गहराइयों से सराबोर बात रखने की कला में अत्यंत माहिर थे। प्रो. पंत ने कहा कि, वे हिंदीवादी नहीं, बल्कि भारतीय भाषाओं के अग्रदूत थे। वे भारतीय भाषाओं के लिए निरंतर आंदोलित रहे।
इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, सांसद प्रवेश वर्मा, पूर्व सांसद जयप्रकाश अग्रवाल, आचार्य बालकृष्ण आदि के अलावा अनेक गणमान्य लोगों ने उपस्थित होकर श्रद्धासमुन अर्पित किए।
मंच का संचालन पुत्री एवं शिक्षाविद अपर्णा वैदिक ने किया।

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