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शांति ही स्वीकार करो

उमेशचन्द यादव
बलिया (उत्तरप्रदेश) 
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रूस-यूक्रेन विशेष…..

मानव होकर मानव वध से,हरदम तुम इंकार करो,
जीव हत्या तो जघन्य पाप है,शांति ही स्वीकार करो…।

बनो पुजारी अहिंसा के,मन में तुम यह ध्यान धरो,
दुरुपयोग ना करो शक्ति का,शांति ही स्वीकार करो…।

यह धरा आधार है सब जीवों का,अकेले तुम मत अधिकार करो,
जिओ और जीने दो सबको,शांति ही स्वीकार करो…।

शांति में ही अमन-चैन है,गोलों की मत भरमार करो,
प्राण वायु में विष मत घोलो,शांति ही स्वीकार करो…।

सद्व्यवहार से काम बने जो,वही हरदम आचार करो,
मधुर वचन से मिसरी घोलो,शांति ही स्वीकार करो…।

कहे ‘उमेश’ तुम डरो ईश से,दीनों पर मत प्रहार करो,
दया क्षमा नरपति के गुण हैं,शांति ही स्वीकार करो…।

प्रदर्शन करना चाहो तो,प्रेम-दया का प्रसार करो,
मत छीनो जीने का हक तुम,शांति ही स्वीकार करो…।

कहे उमेश तुम सुनो सभी की,मन में खुद भी विचार करो,
परोपकारी कर्म करो तुम,शांति ही स्वीकार करो…।

हम सबको ही तो गढ़ा प्रभु ने,आपस में मत तकरार करो,
भाई बनकर दु:ख को हर लो,शांति ही स्वीकार करो…।

रूक जाओ हे लड़ने वालों,इंसानियत को स्वीकार करो,
उमेश यही धर्म है कहता,शांति ही स्वीकार करो…॥

परिचय–उमेशचन्द यादव की जन्मतिथि २ अगस्त १९८५ और जन्म स्थान चकरा कोल्हुवाँ(वीरपुरा)जिला बलिया है। उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी श्री यादव की शैक्षिक योग्यता एम.ए. एवं बी.एड. है। आपका कार्यक्षेत्र-शिक्षण है। आप कविता,लेख एवं कहानी लेखन करते हैं। लेखन का उद्देश्य-सामाजिक जागरूकता फैलाना,हिंदी भाषा का विकास और प्रचार-प्रसार करना है।

 

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