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सबसे न्यारा तिरंगा

एस.अनंतकृष्णन
चेन्नई (तमिलनाडु)
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तिरंगा झंडा भारत ही का,
दिल से प्यारा, जान से प्यारा।
त्याग है केसरिया,
स्वतंत्रता संग्राम के शहीद स्मारक
तन-मन-धन, प्राण अपना सर्वस्व,
तजकर शहीदों ने आज़ादी दिलाई।

सफेद है शांति का,
समझौते का संधि चिन्ह
चक्र है प्रगति का,
आगे बढ़ने का
विस्तृत मार्ग चलने का।

हरियाली का, समृद्धि का,
झंडा है हमारा तिरंगा।
जान से प्यारा,
सबसे न्यारा॥

परिचय –एस.अनंतकृष्णन तमिलभाषी होकर भी तमिलनाडु में हिंदी प्रचारक हैं। आपकी शैक्षणिक योग्यता एम.ए. (हिंदी) और एम.एड. है। अवकाश प्राप्त प्रधान अध्यापक होकर आप चेन्नै में हिंदी प्रचारक, शिक्षा महाविद्यालय में प्राध्यापक सहित दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा (चेन्नै) से भी जुड़े रहे हैं। स्वतंत्र लेखक के रूप में आप सामाजिक मीडिया माध्यमों में सक्रिय हैं। आपकी रचनाएँ कई पत्र-पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हैं। आपको हिंदी साहित्य संस्थान (लखनऊ) से सौहार्द सम्मान २०२१, कबीर कोहिनर सम्मान, जिला शिक्षा अधिकारी, तमिलनाडु हिंदी अकादमी, हिंदी साहित्य अकादमी (मुम्बई), साहित्य भूषण, साहित्य भास्कर और श्रेष्ठ रचनाकार सहित ५० से अधिक सम्मान मिल चुके हैं। आप राज्य की जनता को राष्ट्रहित के लिए हिंदी सिखाते हैं।