डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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नारी की गौरव गाथा से,
हम नहीं अनजान हैं
जीवन के अनछुए पहलुओं,
पर भी हम रखते खूब ध्यान हैं।
१९ वीं सदी थी,
जिससे हम अनजान नहीं हैं
२१ वीं सदी में नारी स्वर की,
एक पहचान बन गई है।
उत्कर्ष और उपकर्ष,
दोनों भाव देखी हैं नारियां
अपने आँसुओं से लिखीं हैं,
अपनी ढेर सारी कहानियां।
प्राचीन काल में,
संयम बलिदान रखतीं थीं वहां
वर्तमान में खूब,
बुलंदियां दिखाती है अब यहां।
पुरूष की दुर्बलता देखकर,
जागा है नारी स्वर अब यहां
अपना महत्व भी खूब पहचानी है,
इस युग में नारी स्वर यहां।
मानव विकास में एक,
सशक्त भाव हो
स्त्री स्वर में भी एक,
उत्तम सद्भाव हो।
लैंगिक असमानता और भेदभाव,
हर जगह पुरजोर है
राजनीतिक व सामाजिक,
क्षेत्र में दिखता बड़ा भेदभाव है।
शोषण के खिलाफ,
सशक्त संघर्ष जरूरी है
स्त्री स्वर की टूट रही संस्कृति,
अब बचानी जरूरी है।
संघर्ष के बीच संघर्ष का बीज,
एक उन्नत दरकार है।
नारी स्वर में इन गुणों की,
यहां भरपूर दरकार है।
१९ वीं शताब्दी में ,
नारी बनीं रहीं खूब अनजान
बीसवीं शताब्दी बनीं यहां,
अब स्त्री स्वर की बड़ी शान।
अब हमें अपाला घोषा,
गार्गी मैत्रेई,महादेवी वर्मा
उषा प्रियवंदा,प्रभा खेतान,
मृदुला गर्ग से सीखना है
नवीन इतिहास लिखने में,
इन विदूषी नारियों के
महत्वपूर्ण योगदानों को,
मजबूती से सींचना है।
यहां यह जरूरी है रखें,
अब बराबर का सुन्दर भाव
उन्नत स्त्री स्वर से ही,
अब यह मिल सकेगा,
देश में समृद्धि और उत्तम सद्भाव॥
परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।