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स्वतंत्रता दिवस-हमारा राष्ट्रीय त्यौहार

डॉ. श्राबनी चक्रवर्ती
बिलासपुर (छतीसगढ़)
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इतिहास के पन्ने पलट कर देखा,
लहूलुहान था मेरा वतन
अंग्रेजों से आज़ादी में,
कितने ही शहीदों के हैं बलिदान
इस संग्राम में आहुतियाँ देने वालों की,
है बहुत लंबी कतार।

कितने वीर जवानों ने,
दिए अपने प्राणों के उपहार
देश को गुलामी से मुक्त कराने,
हर एक इंसान व्याकुल हुआ अपार
तय कर लिया कि अब फिरंगियों को,
खदेड़ना है उस पार।

उन साहसी क्रांतिकारियों की,
अदम्य पराक्रम भुला सकता है कौन
भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, मंगल पांडे,
इनके प्राणों के बलिदान से देश न था अब मौन,
लाल बाल पाल ने दिया दिशा आज़ादी के आंदोलन को
गोखले तिलक ने दिया स्वराज का नारा जन-जन को।

सत्य अहिंसा के पुजारी गांधी जी ने,
सत्याग्रह का मंत्र दिया
मानव अधिकार के लिए लड़े और,
‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ का नारा दिया
नेताजी सुभाष ने आज़ाद हिन्द फौज का गठन किया,
मजबूत इरादों से वतन को
स्वतंत्र करने की शपथ ली,
जय हिन्द का जिसने हमको पाठ पढ़ाया
ऐसे वीर सेनानी ने देश का नाम बढ़ाया।

सरदार पटेल यूँ ही नहीं,
‘लौह पुरुष’ कहलाए
आज़ादी की लड़ाई में,
ईंट से ईंट टकराए
वीर सावरकर ने स्वतन्त्रता संग्राम में,
अपना परचम लहरा दिया।

बंकिम, टैगोर और इक़बाल ने,
सशक्त लेखनी से अपनी देश की
मुक्ति का स्वर तेज़ किया,
मालवीय जी के ओजस्वी भाषण से
समाज में बड़ा सुधार दिखा।

जवाहर लाल नेहरू ने भी,
कई आंदोलनों में भाग लिया
आज़ादी के कठिन समय पर,
देश की डोर को संभाल लिया
शास्त्री जी जैसा कौन हुआ,
हर छोटे-बड़े के साथ चले
‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया।

पुरुष ही नहीं स्त्रियाँ भी,
कंधे से कंधा मिलाकर कूद पड़ी
वतन को स्वतंत्र कराने में,
वीरांगना लक्ष्मीबाई ने प्रथम बिगुल बजाया था
शौर्य और पराक्रम अदभुत दिखाया था,
‘खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी।’

सरोजनी नायडू के गीतों में,
वो देशभक्ति की खुशबू समाई थी
दांडी यात्रा में सहयोग किया,
बापू जी का साथ दिया
कितने किस्से कितने पन्ने,
भरे पड़े हैं इन वीर सपूत
और वीर बालाओं के,
जौहर की गाथाओं से।

हृदय से हम आभारी हैं,
हर एक उस भारतवासी के बलिदान से
हमें आज आजादी मिली उनके अमूल्य योगदान से,
आज़ाद भारत तरक्की का छुए ऊँचा गगन
पर न भूलें शहीदों को और करें नित शत-शत नमन।

देश की आज़ादी की खातिर,
हम अपना कर्तव्य
निष्ठा से निभाएंगे,
तिरंगे को शान से हम फहराएंगे।
मातृभूमि की स्वंत्रता का राष्ट्रीय त्यौहार आन बान शान से हर वर्ष हम मनाएंगे॥