जबरा राम कंडारा
जालौर (राजस्थान)
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भारत की आत्मा ‘हिंदी’ व हमारी दिनचर्या….
हिंदी भाषा महान है,
आन-बान औ शान है।
हिंदी गौरव-गान है,
हिंदी ही पहचान है।
हिंदी ही राष्ट्र-गान है,
हिंदी धर्म अधिष्ठान है।
हिंदी सरल-आसान है,
हिंदी मधुर मुस्कान है।
हिंदी में वेद-पुराण है,
हिंदी ही गीता-ज्ञान है।
हिंदी ही नौ रस-पान है,
छंद-अलंकार विधान है।
कबीर,तुलसी,रसखान है,
मीरा का भक्ति-गान है।
हिंदी ही संविधान है,
हिंदी ही समाधान है।
हिंदी ही अभिमान है,
हिंदी मान-सम्मान है।
सप्त सुरों की तान है,
ये हिन्द की जबान है।
खुशियों का उद्यान है,
अचूक वाक संधान है।
आशीष और वरदान है,
पक्ष कला भाव प्रधान है।
यज्ञ-हवन अनुष्ठान है,
योग समाधि ध्यान है।
गुरु महिमा गुणगान है,
भक्ति-सरिता उफान है।
हिंदी प्रेमाख्यान है,
हिंदी मात समान है॥