भारत भार्गव
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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क्या मैं कोई गुड़िया हूँ,
जो किसी को सौंप दी जाऊंगी!
चाहती हूँ मैं भी हँसना,खिलखिलाना,
सपनों के कोरे कागज पर मनचाहा रंग भरना।
आसमां की ऊंचाइयों को छूना,
मुझे एक अवसर तो दीजिये।
माँ-बापू के सपनों को साकार मैं भी कर सकती हूँ,
मिल जाये अगर अवसर तो…!
इस देश का नव-निर्माण
“मैं भी कर सकती हूँ॥”
परिचय-भारत भार्गव की जन्म तारीख-५मई १९७३ और जन्म स्थान-खरगौन(म.प्र.)है। वर्तमान में इंदौर स्थित छोटी खजरानी में रहते हैं। भाषा ज्ञान-हिंदी और निमाड़ी(बोली)का है। मध्यप्रदेश निवासी श्री भार्गव की शिक्षा-बी.ए. एवं डी.एड. है। कार्यक्षेत्र-नौकरी(अध्यापक)हैं
। सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत अधिकारों से वंचित शोषित,हर वर्ग के लिए संघर्षरत और पर्यावरण सजगता के साथ ही समाज हित में निरन्तर सक्रिय हैं। लेखन विधा-गीत,लेख, कविता एवं कहानी है। प्रकाशन के तहत संग्रह निकला है। आपकी रचनाएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुईं हैं। प्राप्त सम्मान-पुरस्कार में-स्वच्छ भारत अभियान पर आधारित लघु फ़िल्म ‘एहसास’ के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा पुरस्कृत किया गया है। आपकी विशेष उपलब्धि-शिक्षा व शिक्षकों के निए निरन्तर संघर्ष करना है। लेखनी का उद्देश्य-तंत्र में व्याप्त अघोषित आतंक के खिलाफ न्याय,अंतिम पंक्ति के शोषित व्यक्ति को सम्मानजनक जीने के अधिकार स्वच्छ लोकतंत्र की कल्पना को साकार करने के लिए निरन्तर प्रयास करते रहना है। प्रेरणा पुंज-डॉ.बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर व गुरु जी. जी. खण्डेलवाल है। देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-“राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं,राष्ट्र भाषा हिंदी विश्व की समस्त भाषाओं में सबसे प्रिय है हमारी हिंदी भाषा। या यह भी कह सकते हैं कि जन्म देने वाली माँ के बाद जीवन के सम्पूर्ण उदगारों की पूर्ति को जन्म देने वाली मातृभाषा हिंदी है।”