कुल पृष्ठ दर्शन : 276

You are currently viewing है पावन पर्व

है पावन पर्व

श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
*******************************************

जीवन के रंग (मकर संक्रांति विशेष)…..

हम भारतीयों का है पावन पर्व,
१४ जनवरी मकर सक्रांति पर्व।

सबका पावन स्नान है कुम्भ स्नान,
सबका अन्न,वस्त्र दान है महादान।

गौ माता को,पहला निवाला अर्पण,
तब गुरु को चूड़ा तिलकुट समर्पण।

आज का भोजन चूड़ा तिलकुट दही,
खा के बनाइए साल की यात्रा सही।

गुड चूड़ा तिलकुट का है बाजार,
लम्बी कतार से आते हैं खरीददार।

खुशी-खुशी का आज त्यौहार है,
स्वादिष्ट भोजन से सब गुलजार है।

कभी खिचड़ी बने,कभी पिट्ठा,
तिलकुट की खुशबू मजेदार है।

सब मिल के मकर सक्रांति मनाएंगे,
सुबह सब मिल कर पतंग उड़ाएंगे॥

परिचय– श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है।

Leave a Reply