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१४-१५ को अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी,हिंदी:सरोकार और संवेदनाएँ

उज्जैन(म.प्र.)l

संस्था प्रतिकल्पा द्वारा प्रतिवर्षानुसार संजा लोकोत्सव इस वर्ष १४ सितम्बर से २२ सितम्बर तक संस्कृति मंत्रालय(भारत सरकार)और म. प्र. शासन के सौजन्य से होने जा रहा है। इसके साथ ही हिंदी दिवस के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय अन्तरनुशासनिक संगोष्ठी भी १४-१५ सितम्बर को लोक और जनजातिय साहित्य एवं संस्कृति: सरोकार और संवेदनाएँ और हिंदी विषय पर संकल्पित है। संगोष्ठी में देश-विदेश के प्रख्यात मनीषी,संस्कृतिकर्मी, साहित्यकार और शोधकर्ता द्वारा विशिष्ट व्याख्यान,शोध-आलेख प्रस्तुति और संवाद होगाl
इस महत्त्वपूर्ण आयोजन में सक्रिय सहभागिता का अनुरोध
मुख्य समन्वयक प्रो. शैलेन्द्रकुमार शर्मा ने किया हैl आचार्य एवं विभागाध्यक्ष (हिन्दी अध्ययनशाला,विक्रम विवि (उज्जैन,म.प्र.))ने बताया कि इसके लिए पंजीयन कराना होगाl प्राध्यापक, शिक्षाविद्,अतिथि शिक्षक,शोधार्थी एवं विद्यार्थी १३ सितम्बर तक अपना नाम एवं स्थान अवश्य दर्ज कराएं। संगोष्ठी के प्रमुख विचारणीय विषय अनुसार लोक साहित्य:सरोकार और संवेदनाओं के परिप्रेक्ष्य में,जनजातीय साहित्य: सरोकार और संवेदनाएँ एवं लोक एवं जनजातिय नाट्य आदि के परिप्रेक्ष्य सहित इसी प्रकार अन्य प्रासंगिक विषय भी हो सकते हैं। संगोष्ठी सत्र के लिए स्थान मध्यप्रदेश सामाजिक विज्ञान शोध संस्थान उज्जैन और उदघाटन समारोह दोपहर ३ बजे होगा।
(वैश्विक हिंदी सम्मेलन,मुम्बई)

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