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कोई बात होगी

आचार्य गोपाल जी ‘आजाद अकेला बरबीघा वाले’
शेखपुरा(बिहार)
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सहर की पहली किरण के साथ,
घर मेरे आओ तो कोई बात होगी।

मंद हवा-सी सदा खुद खुशबू लुटा कर,
मुझसे लिपट जाओ तो कोई बात होगी।

सितारों की दुनिया में जाकर,
खो जाओ तो कोई बात होगी

मैं तुम्हारी तुम सदा मेरी आहट,
समझ पाओ तो कोई बात होगी।

जुदाई में मेरी करो गुफ़्तगू अकेले ‘आजाद’,
ख्यालों में आ जाओ तो कोई बात होगी।

मैं बनकर रहता हूँ तेरी ही तो परछाईं,
पकड़ कर दिखाओ तो कोई बात होगी।

दिल चाहता है हर पल देखूं तुम्हें मैं यूँ ही,
हर आहट में नजर आओ तो कोई बात होगी।

जिंदगी किस मोड़ पर ले जाए क्या पता,
तुम जो साथ निभाओ तो कोई बात होगी॥