ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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शौर्य दिवस विशेष….
करो शहीदों को नमन,
चढ़ाओ उनको श्रृद्धा सुमन
ऐ मेरे देश,दुनिया वालों,
उनसे ही महकता है ये चमन।
क्या कुछ नहीं किया वीरों ने,
सब कुछ लुटा दिया जिन्होंने
फिर क्यों भ्रष्टाचार की आड़ में,
हो रहा है उनका दमन।
जब बार्डर पर दी कुर्बानी,
छिन गई थी उनकी जवानी
फट गया था माँ का कलेजा,
कोने में खूब रोई थी बहन।
पत्नी को नहीं आया होश,
बच्चों में था गुस्सा और जोश
बाप की टूटी बुढ़ापे की लाठी,
घर में था दुःख का कहर।
मत भूलो उन वीरों की शहादत,
जिन्होंने की देश की इबादत
देश की खातिर बलिदान हुए,
तुम मन में करो उनका मनन।
शहीदों को उनका हक मिले,
वीरांगनाओं को सम्मान मिले।
खुश रहें उन सबके बच्चे,
मिलकर ऐसा करो जतन॥
परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।