‘स्फटिक-सी पारदर्शिता’ का विमोचन ८ को
इंदौर (मप्र)। अस्मिता प्रकाशन के अंतर्गत लेखक दीपक शिरालकर की कृति 'स्फटिक-सी पारदर्शिता' का विमोचन समारोह ८ जुलाई को इन्दौर में होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. प्रकाश शास्त्री (राष्ट्रीय स्वयंसेवक…
इंदौर (मप्र)। अस्मिता प्रकाशन के अंतर्गत लेखक दीपक शिरालकर की कृति 'स्फटिक-सी पारदर्शिता' का विमोचन समारोह ८ जुलाई को इन्दौर में होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. प्रकाश शास्त्री (राष्ट्रीय स्वयंसेवक…
नोएडा (उप्र)। मैनपुरी के वयोवृद्ध शब्द साधक और मुक्तक सम्राट सहित समकालीन सिद्ध कवियों-कई साहित्यकारों के गुरु-पथ प्रदर्शक लाखन सिंह भदौरिया 'सौमित्र' अपने कृतित्व के बलबूते साहित्य जगत के शिखर…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** किसी के भरोसे ना रहें,बस अपना काम करेंकोई किसी का नहीं है,खुद पर ही विश्वास करें। दिखाने को साथ रहेंगे,मीठी-मीठी बात करेंगेतेरे जख्म भी कुरेद देंगे,पर मरहम…
बिलासपुर (छत्तीसगढ़)। विश्व संभ्रांत समाज के विश्व सचिव और बिलासपुर निवासी प्रसिद्ध साहित्यकार 'संभ्रांत भूषण' डॉ. शिवशरण श्रीवास्तव 'अमल' (अध्यक्ष परिचर्चा प्रोत्साहन समिति) की अतिविशिष्ट साहित्यिक प्रतिभा को देखते हुए…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* आए दिन बरसात के, फैला चहुँ आनंद।रिमझिम रिमझिम बारिशें, खिले पुष्प मकरंद॥ आए दिन बरसात के, हरितिम हुआ निकुंज।राहत आहत तपिश से, फैला चहुँ…
अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** गरजे घनझूम उठी बरखाबहके मन। बदरा आएझूम उठी फ़िज़ाएंआनंदित हैं। सौंधी खुशबूचले यूँ पुरवाईउड़े मनवा। बरस रहीरिमझिम बारिशझूम लूँ जरा। आए बादलपिया का इंतजारबावरा जिया। मेंढक गाएदिन…
डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* रिमझिम बदरा बरस रहे हैं, सावन आया अब आओ।आकुल है मन तुमसे मिलने, मधुर सलिल रस बरसाओ॥ छमछम करती बूँदें बरसे, नृत्य धरा पर दिखलाएं।गर्जन करते मेघ…
आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** धरती माता रो रही, सबसे करे गुहार।बिगड़ रहा है नित्य ही, धरती का श्रृंगार॥धरती का श्रृंगार, बिगाड़े मानव हरपल।वृक्ष कटे नित जान, उजड़ता प्रतिपल जंगल॥प्राणयुक्त आधार, धरा…
शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र)************************************* नई संसद में भारत के पौराणिक नक्शे को देख जिज्ञासा हुई, क्या सच में ! हमारे भारतवर्ष की सीमाएं आदिकाल से ही इतनी विस्तृत फैली हुई…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* मानती हूँ जिन्दगी है एक पहेली,कष्ट अकेले सहना, संग ना सहेलीइसमें चाहे लंबी या छोटी हो डगरहॅंसकर चाहे रो कर, करना है सफर। नयनों की रोशनी…