मेरी चाह
अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** ज्यादा चाह नहीं है मेरी,केवल सच्चा प्यार चाहतामानवता को आँच न आए,बस इतना आधार चाहता। बापू, तुलसी, या कबीर का,निर्मल मार्ग जहां बसता होजाति, पंथ, पाखंडवाद भी,डर…