प्रार्थना

निशा गुप्ता देहरादून (उत्तराखंड) ********************************** कान्हा-कान्हा मैं रटूँ,मन चाहे अभिसार।बोलो तुम कहाँ आओगे,कब होंगे दीदारll प्रेम अगन मन में लगी,मीरा रटे श्यामlविष का प्याला पी गई प्रभु,ले कर तुमरा नामlबोलो तुम…

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सम्राट अशोक

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)********************************************** चला सूर प्रचंड रूप धर,वीर भूमि रणी तोक भर। प्रलय रूप डंका बजवाते,शाही खान का वंश मिटाते। रण में पौरस गजब दिखाते,रणभूमि में रक्त…

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तुम्हारा शहर

तालिब मंसूरीदिल्ली **************************** काव्य संग्रह हम और तुम से तुम्हारा ही शहर है,और मुझे तुम ही अनजाने लगते हो। महफिल भी ये है तुम्हारी,तुम ही बेगाने से अब लगते हो।…

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वैलेंटाइन-डे

डॉ. उषा किरणमेरठ (उत्तरप्रदेश) ******************************************* काव्य संग्रह हम और तुम से नहीं,आज तो नहीं है मेरा 'वैलेंटाइन-डे'लेकिन…मेरे हाथों में मेंहदी लगी देख तुमनेसमेट दिए थे चाय के कप जिस दिन,बुखार…

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हम तुम्हारे हो चुके

विवेकशील राघवहाथरस(उत्तरप्रदेश)*************************** काव्य संग्रह हम और तुम से प्रेम की बहती नदी के,हम किनारे हो चुके हैंlतुम हमारे हो चुके हो,हम तुम्हारे हो चुके हैंll भावना का आचमन कर,प्रीति पावन…

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अंतर्मन का प्रेम श्रृंगार

तनु सिंहनैनीताल(उत्तराखंड)**************************** काव्य संग्रह हम और तुम से आज फुर्सत के कुछ लम्हें मिले हैं,क्यों ना सोलह श्रृंगार कर लूँखुद को थोड़ा सज-सँवार लूँ।इन उलझी लटों को सुलझा कर,आज फिर…

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हिंदी पर विशेष ध्यान दे सरकार

माननीय नरेन्द्र मोदी जी विषय: भारतीय भाषाओं,विशेषकर हिन्दी पर सरकार द्वारा विशेष ध्यान देने का आग्रह। (यह पत्र प्रधानमंत्री भारत सरकार के स्थान पर आपको सम्बोधित करने के पीछे विशेष…

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रचनाकारों ने किया अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन में मंत्रमुग्ध

ऑस्ट्रेलिया। विश्व हिंदी सचिवालय (मॉरिशस),न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन एवं सृजन ऑस्ट्रेलिया (अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका) के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन १७ जनवरी को सफलता पूर्वक हुआ। कैलिफोर्निया(अमेरिका) से…

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मेरे मन की

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ काव्य संग्रह हम और तुम से सखी री,अब तक थी मैं पूरी।जब से मिलन हुआ प्रियतम से,तब से हुई अधूरी॥ आज हुये मन के दो टुकड़े,एक कहीं है,एक…

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तू कहाँ चली

विजय कुमारमणिकपुर(बिहार) ****************************** काव्य संग्रह हम और तुम से तू कहाँ चली अनजान डगरतुम्हें खोज रहा हूँ इस कदर,लूट गया हूँ तेरे प्यार में-चैन न आए,मेरी धड़कन में। प्यार तो…

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