मैं और हम
उषा शर्मा ‘मन’जयपुर (राजस्थान)**************************************************** मैं और हम में बस इतना फर्क है…मैं अहम को अपनाता है और हम अहम को धिक्कारता है। मैं और हम में बस इतना फर्क है…मैं…
उषा शर्मा ‘मन’जयपुर (राजस्थान)**************************************************** मैं और हम में बस इतना फर्क है…मैं अहम को अपनाता है और हम अहम को धिक्कारता है। मैं और हम में बस इतना फर्क है…मैं…
संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** फूल खिलकर भी उदास है,समुद्र को आज भी पानी की प्यास हैएक बार तो आप मुस्कुरा दो-जिंदगी को हँसी की तलाश है। दिखता नहीं हँसता हुआ चेहरा,तो…
निर्मल कुमार शर्मा ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** आई थी ज़िंदगी तो हँसने खेलने,इसकी नुमाईश कर,लगा मैं बेचनेथी भूख ज़र की,गैरों को सौंपा इसे,सौदागरों के हाथों में छोड़ा इसेl इल्म का श़बाब…
रौशनी अरोड़ा ‘रश्मि’ दिल्ली ********************************************* तू तो मेरा सबसे लाड़ला बेटा है,भावों विचारों से तू मेरे जैसा हैमाँ मैं तुम्हारी हूँ तुझपे ही वारी हूँ,है तू बेटा मेरा लाड़ला…l चाँद-सा…
डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ************************************************** संसद का शीतकालीन सत्र स्थगित हो गया। अब बजट सत्र ही होगा। वैसे सरकार ने यह फैसला लगभग सभी विरोधी दलों के नेताओं की सहमति के बाद…
डाॅ. महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज’इन्दौर (मध्यप्रदेश)**************************************** सुभद्र दत्त मगध देश का रहने वाला था। उसकी अतिगुणवती सुशील २ स्त्रियां थीं। एक वसुदत्ता,दूसरी वसुमित्रा। इन दोनों को बहुत समय तक कोई पुत्र…
डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** जैन धर्म की ऐतहासिकता के अलावा जैन धर्म के सिद्धांत,दर्शन के बारे में बहुत से लोग अनभिज्ञ हैंl जैन धर्म कर्मवाद-भाव पर अधिक ध्यान देता हैl संसार यानी…
योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)************************************************** जीना आज इस जहाँ में-दूभर कितना हो गया है ?निज हित जहाँ टकराता है-वही निशाना हो गया है। पूछो क्या नीति-अनीति की-नीति बस पाना…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) **************************************************** शम्मा-सा जलता है पल-पल,और पिघलता नारी जीवन।देकर घर भर को उजियारा,आँखें मलता नारी जीवनll कर्म निभाती है वो तत्पर,हर मुश्किल से लड़ जाती,गहन निराशा का…
डॉ. रामबली मिश्र ‘हरिहरपुरी’वाराणसी(उत्तरप्रदेश)****************************************** प्रेम मिलन का सुंदर अवसर।मंद बुद्धि खो देती अक्सरll प्रेम पताका जो ले चलता।पाता वही प्रेम का अवसरll उत्तम बुद्धि प्रेम के लायक।बुद्धिहीन को नहीं मयस्सरll…