कोशिश करनी होगी,आ जाएँगे राम

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************************ युग आएंगे युग जाएंगे,श्याम आएंगे राम जाएंगे,बस रावण ही अमर रहेगा,अब वो घर-घर रहेगा।अब वो ज्यादा निडर रहेगा,पहले से मुखर रहेगा,नित नए रूपों में रहेगा,हममें और तुम में दिखेगा।कभी दिखेगा वो लालच में,कभी झूठ जैसे सच में,कभी फरेब और स्वार्थ में,तो कभी झूठे परमार्थ में।कभी बेटियों को लूटेगा,नन्हीं कलियों पर … Read more

खामोश भीड़

नरेंद्र श्रीवास्तवगाडरवारा( मध्यप्रदेश)********************************************************* आकाश में चमकती बिजली,गरजते बादलों के साथबरसते मूसलाधार पानी का,छप्पर से टपक-टपक कर गिरना। पूस की रात में,कड़कड़ाती ठंड मेंओढ़ने और बिछाने के कपड़े,कम पड़ना। सन्नाटे में पसरी धूप,गरम लू के थपेड़ों सेबढ़ती उमस और,बहता पसीना। उतना परेशान नहीं करते,जितना करते हैंउसे,स्कूल जाते-आतेछेड़ते मनचले।और,खामोश भीड़…॥

काव्य गोष्ठी में बिखरे कविताओं से आस्था के साथ जीवन के रंग

इंदौर (मप्र)। नवरात्रि की नवमी और विजयादशमी के पावन संयोग पर माँ जगदंबा का स्तवन तथा बुराई पर अच्छाई की विजय का उद्घोष करती कविताओं से विशेष दिवस को अविस्मरणीयबनाया गया। संस्था नई क़लम की मासिक ऑनलाईन काव्य गोष्ठी में आस्था के साथ जीवन के सभी रंगों को प्रस्तुत करती कविताएं पढ़ी गई।गोष्ठी में पीरुलाल … Read more

हे! कलियुग के राम

डॉ.नीलिमा मिश्रा ‘नीलम’ इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) ************************************************* हे! कलियुग के राम आज,जग में अवतारो।मन के भीतर छिपे घोर,रावण को मारोllगाँव-नगर में बजे नहीं,रावण का डंका।करो लक्ष्य संधान हनू,अब लंका बारोllहे! कलियुग के राम… सोने के मृग घर-बाहर,सब घूम रहे हैं,सीताओं की देह गंध,को सूंघ रहे हैं।लक्षित रेखाएं खींचों,तुम अपनी सीता,क़दम न रावण रख पाये,उसको संहारोllहे! कलियुग … Read more

भक्त वत्सला माँ दुर्गा

मधुसूदन गौतम ‘कलम घिसाई’कोटा(राजस्थान)************************************************** आज सुनाऊँ तुमको गाथा,धर्म सनातन भारी है,जिसमें ध्याते देव अनेक,सबकी महिमा न्यारी है। पर कलियुग में पाँच देव को,सबसे ज्यादा भजते हैं,करें उपासना सभी इनकी,इन्हें उपास्य कहते हैं। भगवान विष्णु अरु देव अरुण,गौरीसुत श्रीश्री गणेश,दुर्गा श्रीजगदम्बा माता,महादेव श्री श्री महेश। कलियुग में दुर्गा माता का,महत्व गणेश के जैसा है,शीघ्र मनोरथ पूरा … Read more

भारतीय भाषाओं के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय के खिलाफ किया प्रदर्शन

उप्र। संघ लोक सेवा आयोग के आधुनिकीकरण की आड़ में आयोग अध्यक्ष प्रभात कुमार प्रक्रियाओं से छेड़छाड़ कर अंग्रेजी माध्यम के छात्रों को बेजा लाभ पहुंचा रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि,आवेदन भरते समय माध्यम भरने का कोई विकल्प नहीं होता। इसका परिणाम यह होता है कि एक ही मूल्यांकनकर्ता दोनों माध्यमों की … Read more

माधवी,अब तो बता दे…

अंशु प्रजापतिपौड़ी गढ़वाल(उत्तराखण्ड)************************************************** मेरा अज्ञान कई बार मुझे शर्मिंदा करता है, कुछ किस्से हैं जिनके अंत आज तक समझ नहीं पाती..क्या हर भाव को सिर्फ एक ही कसौटी पर कसा जा सकता है ? क्यों इतनी स्वच्छंदता मानव स्वभाव में नहीं है कि बिना न्यायोचित ठहराए,बिना सही-गलत का मूल्यांकन किए हम हृदय में उमड़ते भावों … Read more

दुर्गा पूजा:आत्मबल जागरण का माध्यम

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)************************************************** दुर्गा पूजा की धूम मची है। घर-घर में दुर्गा-सप्तशती का पाठ हो रहा है। जो लोग घर में हैं तो वो इस अनुष्ठान को सफल करने में लगे हुए हैं और जो घर से बाहर हैं,वे भी कष्ट सह कर, ‘कोरोना’ महामारी के भय को भी त्याग कर दूर … Read more

शुभ जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ

हिन्दीभाषा.कॉम मंच के रचनाकार साथी शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’ जी का २७ अक्टूबर को शुभ जन्मदिन है..इस पटल के माध्यम से आप उनको शुभकामनाएं दे सकते हैं…..

कलयुग के रावण

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)*************************************************** हम हर दशहरे पररावण का पुतला,जोर-शोर से जलाते हैंपटाखे फोड़ते हैं,खुशियां मनाते हैं।रावण ने सीता का हरण किया,पर चीर-हरण नहीं कियाउसने सिया को अशोक वाटिका में रखा,जोर-जबरदस्ती का व्यवहार न किया।उसने सीता की ‘हाँ’ का इंतजार किया,लेकिन ये कलयुगी सफेदपोश रावण…चाहे सात साल की मासूम हो,या तेरह साल की नाबालिगया बीस-पच्चीस साल … Read more