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भक्त वत्सला माँ दुर्गा

मधुसूदन गौतम ‘कलम घिसाई’
कोटा(राजस्थान)
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आज सुनाऊँ तुमको गाथा,धर्म सनातन भारी है,
जिसमें ध्याते देव अनेक,सबकी महिमा न्यारी है।

पर कलियुग में पाँच देव को,सबसे ज्यादा भजते हैं,
करें उपासना सभी इनकी,इन्हें उपास्य कहते हैं।

भगवान विष्णु अरु देव अरुण,गौरीसुत श्रीश्री गणेश,
दुर्गा श्रीजगदम्बा माता,महादेव श्री श्री महेश।

कलियुग में दुर्गा माता का,महत्व गणेश के जैसा है,
शीघ्र मनोरथ पूरा करते,दोनों का महत्व विशेषा है।

इनमें से भी माँ दुर्गा को,ईश्वर की शक्ति माना है,
सभी देव करते हैं जिसको,वो दुर्गा भक्ति माना है।

समय-समय पर दुर्गा माँ ने,अपने बहुअवतार लिए,
भक्त वत्सला माँ दुर्गा ने,असुर बहुत संहार किए।

उनकी एक छोटी-सी गाथा,अल्पमति से लिखता हूँ।
इसमें कोई खोट रहे तो,क्षमा निवेदन करता हूँ।

धर्म सनातन की महिमा भी,सब धर्मों से न्यारी है,
हर इक पर्व की महत्ता भी,लगती बड़ी ही प्यारी है।

नवरात्रे भी उस क्रम में ही,कुछ अलग महत्व ही रखते हैं,
भक्त सभी इन नवरातों में,शक्ति आराधन करते हैं॥

परिचय–मधुसूदन गौतम का स्थाई बसेरा राजस्थान के कोटा में है। आपका साहित्यिक उपनाम-कलम घिसाई है। आपकी जन्म तारीख-२७ जुलाई १९६५ एवं जन्म स्थान-अटरू है। भाषा ज्ञान-हिंदी और अंग्रेजी का रखने वाले राजस्थानवासी श्री गौतम की शिक्षा-अधिस्नातक तथा कार्यक्षेत्र-नौकरी(राजकीय सेवा) है। कलम घिसाई की लेखन विधा-गीत,कविता, लेख,ग़ज़ल एवं हाइकू आदि है। साझा संग्रह-अधूरा मुक्तक,अधूरी ग़ज़ल, साहित्यायन आदि का प्रकाशन आपके खाते में दर्ज है। कुछ अंतरतानों पर भी रचनाएँ छ्पी हैं। फेसबुक और ऑनलाइन मंचों से आपको कुछ सम्मान मिले हैं। ब्लॉग पर भी आप अपनी भावनाएं व्यक्त करते हैं। इनकी लेखनी का उद्देश्य-समय का साधनामयी उपयोग करना है। प्रेरणा पुंज-हालात हैं।

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