देशद्रोह

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** अब्दुल्ला के बोल नहीं यह,देशद्रोह चिंगारी हैै,जिनने अब तक दी कुर्बानी,उन सबसे गद्दारी हैै।शुकर करो तुम भारत में हो,अगर दूसरे मुल्क में होतेचौराहे पर खुलेआम फिर,फांसी में लटके होतेll परिचय-प्रख्यात कवि,वक्ता,गायत्री साधक,ज्योतिषी और समाजसेवी `एस्ट्रो अमल` का वास्तविक नाम डॉ. शिव शरण श्रीवास्तव हैL `अमल` इनका उप नाम है,जो साहित्यकार मित्रों ने … Read more

सर्वसमावेशी बन गया है डॉ.भागवत का हिंदुत्व भी

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ************************************************** राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुसलमानों के प्रति आजकल रवैया क्या है,इस प्रश्न पर बहस चल पड़ी है। बहस का मुख्य कारण संघ के मुखिया डॉ.मोहन भागवत के कुछ बयान हैं। अभी उन्होंने कहा है कि दुनिया में सबसे ज्यादा संतुष्ट कोई मुसलमान है तो वह भारत का मुसलमान है। पिछले साल उन्होंने … Read more

यकीन करके देखो ना बाबा

नताशा गिरी  ‘शिखा’ मुंबई(महाराष्ट्र)******************************************************** प्यार दिया स्नेह दिया,जो भी मांगा हर बार दिया,नजर पड़ी जिस चीज पर,मुझ पर तुमने वार दिया। इस घर की जिम्मेदारी भी दे कर,देखो ना बाबा,बेटे से मैं कम नहीं,इस बात का करती हूँ दावा। खरी ना उतरी तो तेरे समक्ष समर्पण कर जाऊंगी,नतमस्तक होने के पहले मस्तक का ताज कहलाऊंगी। जितना … Read more

रहिए मौन

उमेशचन्द यादवबलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** यह दुनिया है अवसरवादी,किसको समझाए कौन,तू-तू,मैं-मैं से भला है,लगभग रहिए मौन। मौन बनाए बिगड़े काम,समझदारी से मिले आराम,सद्विचार से काम करें तो,सदा सहायक बनते राम। मौन बड़ी शक्ति का नाम,इसे स्वयं अपनाए राम,हिंसक भी अहिंसक बन गए,जहां गए हमारे राम। मौन से मुसीबत टलती,शांति भावना मन में चलती,मौका ना मिले तो बैरी … Read more

अर्थव्यवस्था में प्राण फूंकने का प्रयास

ललित गर्गदिल्ली ******************************************************* कोरोना महामारी के कारण अस्त-व्यस्त हुई अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से एक बार फिर प्रोत्साहन पैकेज घोषित किए गए हैं,यह सुस्त अर्थ-व्यवस्था को गति देने में कितने सहायक होंगे,यह भविष्य के गर्भ में है,लेकिन उसका मूल मकसद बाजार को सक्रिय करना,मांग पैदा करना है। … Read more

‘वसुधैव कुटुम्बकम’ से बताया भारत का विश्व के प्रति योगदान

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)***************************************************************** ७५ वर्ष पूर्व द्वितीय विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि में ‘नवीन विश्व व्यवस्था’ की दिशा में २४ अक्तूबर १९४५ को संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गई थी,और संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर हस्ताक्षर करने की ७५वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘यूएन मसौदा घोषणा-पत्र’ पर हस्ताक्षर किए जाने थे,लेकिन देरी हुई, क्योंकि … Read more

अपने काँटों से लगे…

प्रियंका सौरभहिसार(हरियाणा) ************************************************** हाथ मिलाते गैर से,अपनों से बेजार,सौरभ रिश्ते हो गए,गिरगिट से मक्कारl अपनों से जिनकी नहीं,बनती सौरभ बात,ढूंढ रहे वो आजकल,गैरों में औकात। उनका क्या विश्वास अब,उनसे क्या हो बात,सौरभ अपने खून से,कर बैठे जो घात। चूहा हल्दी गाँठ पर,फुदक रहा दिन-रात,आहट है ये मौत की,या कोई सौगात। टूट रहे परिवार हैं,बदल रहे … Read more

बेटी-कुदरत का वरदान

बुद्धिप्रकाश महावर मनमलारना (राजस्थान) **************************************************** दाता तो भगवान है,गुरु है बड़ा महान।मात-पिता सबसे बड़े,पूजे सकल जहान॥ बेटा सूरज तेज सम,बेटी शीतल छाँव।बेटी है अनमोल धन,जिस घर बेटी पाँव। बेटी से दुनिया बने,बिन बेटी सब सून।माँ दादी नानी बहन,देती बड़ा सुकून॥ पढ़ा-लिखा और मान दो,फिर हो कन्या दान।दोनों कुल का नाम हो,आन-बान अर शान। ब्रह्मा विष्णु … Read more

‘स्वर्णाभ’ व ‘दौर-ए-हयात’ का विमोचन किया अति. कलेक्टर ने

भरतपुर (राजस्थान)। १४ अक्टूबर बुधवार को मधुशाला प्रकाशन(भरतपुर,राजस्थान) के तत्वावधान में सी.एस. ‘कृष्णा’ द्वारा सम्पादित २ पुस्तक ‘स्वर्णाभ’ (साझा काव्य संग्रह) एवं ‘दौर-ए-हयात’ (साझा लघुकथा संग्रह) का विमोचन कार्यक्रम हुआ। सम्पादक सी. एस. कृष्णा ने बताया कि, ‘कोरोना संक्रमण की वजह से बड़ा विमोचन समारोह नहीं करते हुए विमोचन जिला कलेक्टर कार्यालय में अतिरिक्त जिला … Read more

परिवर्तन जरूरी है

आरती जैनडूंगरपुर (राजस्थान)********************************************* परिवर्तन के लिए जरूरी है,हमारें छोटे-छोटे कदमहाथ की लकीरें नहीं,जरूरी है पुरूषार्थ भरे करम।रहम की मत करना,किसी से उम्मीद और आशहाथ है पैर है आँखों में है,रोशनी फिर क्यूँ कहना काश!दुनिया भी देगी तुम्हें,प्यार से भरा साथजब थाम लोगे खुद,का प्यार से हाथों में हाथ।व्यस्तता का क्यूँ,बजाते हो तुम ढो़लआगे वो ही … Read more