नारी-एक अनकही कहानी

शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************************* जिस खूबसूरती को आप देख रहे,वो रोज आपके लिए सँवारती है…जिस मुस्कुराहट को आप देख रहे,वो आपके लिए आँसू छुपाती है…।आप कहते हैं-आप जानते हैं उसे,फिर भी वो हर रोज एक कुर्बानी दे केआपके लिए ख़ुद को कुर्बान करती है..जिस मासूमियत से रूबरू हैं आप,वो रोज आपके धोखे जान के भी … Read more

कोकिल के स्वर-सी…

विश्वम्भर पाण्डेय  ‘व्यग्र पाण्डे’गंगापुर सिटी(राजस्थान)******************************************************* अपनी तो सुबह हिन्दी से,सांझ भी हिन्दी में ढलती हैकदम-कदम हर डगर,हिन्दी के ही संग चलती है। स्वप्न हिन्दी हिन्दी जाग्रत,हिन्दी निर्गम हिन्दी आगतहिन्दी से हर प्रहर पावन,श्वांसें हिन्दी ही जपती हैं। हिन्दी में हास-परिहास,हिन्दी दे हमको सुवासकोकिल के स्वर-सी हिन्दी,मधुर कण्ठों से निकलती है। प्रभाव इसका फैल रहा है,इसका … Read more

तजें दुष्ट आचार

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ******************************************************* सद्विचार समरस सुखी,मानवता से प्रीति।जले शान्ति की दीप जग,चले धर्म और नीति॥ जीवन हो सुखसार जग,उन्नति हो जन आम।शिक्षा हो सब जन सुलभ,परहित भाव मुकाम॥ खिले चमन संसार का,महकें सौरभ फूल।हरित भरित सुष्मित प्रकृति,हो मौसम अनुकूल॥ सोच सदा अनुकूल हो,चिन्तन नव सत्काम।समरसता मुस्कान भर,बने मीत जग आम विश्व शान्ति … Read more

जागो मातृभूमि के बेटों

कविता जयेश पनोतठाणे(महाराष्ट्र)********************************************************** विश्व शांति दिवस स्पर्धा विशेष…… ऐ मातृभूमि के बेटों जागो,जागो,चलो उठा लो बोझ अपने कंधों परइस मातृभूमि की रक्षा मेंकर दो प्राण समर्पित।ऐ भारत माँ के लाल जागो…अब वक्त नहीं है सोने का,यह जीवन नहीं है खोने काअपने जीवन के इस दौर को,अब इतिहास के स्वर्णिमपन्नों से सजा लो।अब यूँ न व्यर्थ … Read more

शांत चित्त मन

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ****************************************************** विश्व शांति दिवस स्पर्धा विशेष…… शांत चित्त मन को रखें,क्रोध बिगाड़े काम। जोश द्वेष की आग सेबुरा हुआ अंजाम॥ शांत हृदय के भाव हो,सरल बने सब काज। सुखमय जीवन के लिए,धैर्य बने आगाज॥ शांत रहे मन सीख दें,मृदुवाणी संवाद। निर्मल पावन मन धरेंरखें जिसे सब याद॥ शीतलता दें क्रोध को,ऐसा होवै … Read more

माँ मेरी माँ

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ***************************************************************** माँ तुमने ही जन्म दिया और मिट्टी से इंसान बनाया,पाकर कष्ट अपार तुम्हीं ने दुनिया का है मुँह दिखलाया।तेरा आशीर्वाद है माँ दुनिया सारी इज्जत देती,चलता तेरे पद चिन्हों पर माँ तुमने ही ये मान दिलाया॥ माँ बस एक बार आ जाओ तुम बिन सूना जग सारा,तुम बिन बियाबान बना है … Read more

पाए तेरी गोद में चारों धाम

प्रियंका सौरभहिसार(हरियाणा) ********************************************************** तेरे आँचल में छुपा,कैसा ये अहसास,सोता हूँ माँ चैन से,जब होती हो पास। माँ ममता की खान है,धरती पर भगवान,माँ की महिमा मानिए,सबसे श्रेष्ठ-महान। माँ कविता के बोल-सी,कहानी की जुबान,दोहों के रस में घुली,लगे छंद की जान। माँ वीणा की तार है,माँ है फूल बहार,माँ ही लय,माँ ताल है,जीवन की झंकार। माँ … Read more

यूँ मत आग लगाया कर

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरीकुशीनगर(उत्तर प्रदेश) ************************************************************* बस मुझको नहीं बुलाया कर,मेरे घर भी तू आया कर। पिज़्ज़ा बर्गर के दीवाने,तू रोटी-सब्जी खाया कर। तू भी ऊपर उठ जायेगा,लोगों को जरा उठाया कर। है कौन अमर इस दुनिया में,मत मरने से घबराया कर। वो रहता चार-दिवारी में,बागों में उसे घुमाया कर। मिल-जुल कर हम सब रहते हैं,तू … Read more

भीतर-भीतर जंग!

डॉ.सत्यवान सौरभहिसार (हरियाणा)************************************ उबल रहे रिश्ते सभी,भरी मनों में भांप,ईंटें जीवन की हिली,साँस रही हैं कांप। बँटवारे को देखकर,बापू बैठा मौन,दौलत सारी बांट दी,रखे उसे अब कौन। नए दौर में देखिये,नयी-चली ये छाप,बेटा करता फैसले,चुप बैठा है बाप। पानी सबका मर गया,रही शर्म ना साथ,बहू राज घर-घर करें,सास मले बस हाथ। कुत्ते बिस्कुट खा रहे,बिल्ली … Read more

गुरु महिमा

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय *************************************************************** गुरु महिमा सबसे बड़ी,गुरु से बड़ा न कोयगुरु बिनु ज्ञान मिले नहीं,सो गुरु पूजन होय। जिनको सच्चा गुरु मिले,मिले ज्ञान की खान,गुरु अरु माता एक सम,दोनों ईश समान। गुरु पद रज को शीश धर,जप लो गुरु का नाम,बात अवध की मान लो,सुधरेंगे हर काम। जो कुछ सीखे हो सखे,सब गुरु … Read more