कविता जयेश पनोत
ठाणे(महाराष्ट्र)
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विश्व शांति दिवस स्पर्धा विशेष……
ऐ मातृभूमि के बेटों जागो,जागो,
चलो उठा लो बोझ अपने कंधों पर
इस मातृभूमि की रक्षा में
कर दो प्राण समर्पित।
ऐ भारत माँ के लाल जागो…
अब वक्त नहीं है सोने का,
यह जीवन नहीं है खोने का
अपने जीवन के इस दौर को,
अब इतिहास के स्वर्णिम
पन्नों से सजा लो।
अब यूँ न व्यर्थ अत्याचार सहना,
अब न ओरों पर निर्भर रहना
दिल में जोश भर अब सीख लो,
अपना लहू बहाकर रक्षा करना।
तोड़ डालो रिश्ते नफरत के,
दिल में लहरें प्रेम की भर
इस देश की शान्ति के लिए,
कर दो तन मन,धन
और यह जीवन समर्पित।
विश्व शान्ति के इस,
मूल मंत्र को अपना लो।
अपना जीवन धन्य बना दो,
देश को खुशहाल बना दो॥