नव हिन्दी नव सर्जना
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************************* सुन्दर सुखद प्रभात है,राम राम सुखधाम।हिन्दीमय सारे जहां,भारत है अभिराम॥ प्रमुदित है संस्कृत सुता,पुण्य दिवस पर आज।हिन्दी हिन्दुस्तान का,प्रीति भक्ति आगाज॥ नव हिन्दी नव सर्जना,कालजयी साहित्य।अलंकार नवरस ध्वनि,रीति गुणी लालित्य॥ रचना हो नित चारुतम,मर्यादित अनुकूल।हिन्दी नित प्रेरक बने,नव समाजशुभ फूल॥ इन्द्रधनुष सतरंग सम,विविध विधा हो काव्य।स्वस्ति लोक निर्माण मन,नवसर्जन … Read more