नव हिन्दी नव सर्जना

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************************* सुन्दर सुखद प्रभात है,राम राम सुखधाम।हिन्दीमय सारे जहां,भारत है अभिराम॥ प्रमुदित है संस्कृत सुता,पुण्य दिवस पर आज।हिन्दी हिन्दुस्तान का,प्रीति भक्ति आगाज॥ नव हिन्दी नव सर्जना,कालजयी साहित्य।अलंकार नवरस ध्वनि,रीति गुणी लालित्य॥ रचना हो नित चारुतम,मर्यादित अनुकूल।हिन्दी नित प्रेरक बने,नव समाजशुभ फूल॥ इन्द्रधनुष सतरंग सम,विविध विधा हो काव्य।स्वस्ति लोक निर्माण मन,नवसर्जन … Read more

गर्व है हमें

कविता जयेश पनोतठाणे(महाराष्ट्र)********************************************************** हिन्दी दिवस विशेष…… हम हिन्दुस्तानी,हिन्दी हमारी भाषा,हिन्दी है जुबानी।हिंदुस्तानियों के दिलों कोबयाँ करती है लफ़्जों में।साहित्यकारों की ये,तलवार है।जिसकी भाषा में मोल है,उसका साहित्य जगत मेंनाम अनमोल है।हिन्दी है देवों की भाषा,वेदों,उपन्यासों में लिखी गईहिन्दी में गाथा।हर हिन्दुस्तानी के दिल की,कहती कहानी,जुबानी।गर्व है हमें,हिन्दी हमारी मातृभाषा है,और गर्व है कि हम,हैं हिन्दुस्तानी॥

आँखें वरदान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) **************************************************** आँखों से जग देखते,हैं आँखें वरदान।आँखों में संवेदना,आँखों में अभिमानll आँखें करुणामय दिखें,जब आँखों में नीर।आँखों में अभिव्यक्त हो,औरों के हित पीरll आँखों में गंभीरता,और कुटिलता ख़ूब।आँखों में उगती सतत,पावन-नेहिल दूबll आँखें,आँखों से करें,चुपके से संवाद।उर हो जाते उस घड़ी,सचमुच में आबादll आँखें नित सच बोलतीं,दिखता नहीं असत्य।आँखों के आवेग … Read more

रुपेश कुमार को मिला भारत-भारती सम्मान

सिवान(बिहार)l सिवान जिले के चैनपुर गाँव निवासी रूपेश कुमार को राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान(हरियाणा)द्वारा निस्वार्थ साहित्य सेवा के लिए भारत से ५ साहित्यकारों में शामिल करते हुए भारत भारती सम्मान से नवाजा गया हैl आपने बताया कि,विश्व जनचेतना ट्रस्ट(उत्तरप्रदेश) द्वारा हिंदी दिवस पर हिंदी गौरव सम्मान से भी सम्मानित किया गया हैl ज्ञात हो कि … Read more

फिर से बचपन में हम घूम आएँ

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** तसव्वुर का ही आज ले कर सहारा,चलो फिर से बचपन में हम घूम आएँअम्मा का आँचल,सुकूं का गुलिस्तां,चलो पाक़ आँचल,वो, फिर चूम आएँ। सही क्या गलत क्या,फ़हम ही नहीं था,था बाबा का साया,कोई ग़म नहीं थाबाबा के काँधे,चढ़े हम शहंशाह,चलो आसमानों में फिर झूम आएँ। बालू से,दिलक़श घरौंदे बना … Read more

नई शिक्षा नीति के चक्रव्यूह में हिन्दी

प्रो. अमरनाथकलकत्ता (पश्चिम बंगाल)****************************************** चकित हूँ यह देखकर कि,राष्ट्रीय शिक्षा नीति-२०२० में संघ की राजभाषा या राष्ट्रभाषा का कहीं कोई जिक्र तक नहीं है। पिछली सरकारों द्वारा हिन्दी की लगातार की जा रही उपेक्षा के बावजूद २०११ की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार आज भी देश की ५३ करोड़ आबादी हिन्दी भाषी है,दूसरी ओर अंग्रेजी बोलने … Read more

वीरों की याद में…

शिवकुमार दुबेइंदौर(मध्यप्रदेश)***************************************** लगा धूल माथे पर,बिछा देंगे पंखुड़ियाँपुष्पों की उनकी,स्मृतिशेष यादों में।प्रज्वलित करेंगे दीप,जहाँ से निकलेगीवीरों की यादों में प्रभातफेरियां,प्रणाम हे वीर मातृ तुम्हेंजो जन्मा ऐसा वीर,मातृभूमि में बलिदान होनेनिकला घर से सीना तान।हे वीर बालाओं तुम्हें प्रणाम,वज्र रख हृदय परलगाकर तिलक,करते हो विदा रणभूमि मेंअपने अप्रतिम प्यारे को।याद कर तुम्हें चिता राख से,लगाएंगे माथे … Read more

रिश्तों में कुठाराघात

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ************************************************************ आजकल के जमाने की है गम्भीर बात,परस्पर रिश्तों में बहुत ही कुठाराघातलगते हैं जैसे बुने हैं,कच्चे धागों से ये,इनमें खुशियों से ज्यादा भरा अवसाद। ना भविष्य की खबर,ना पता अतीत का,बना हुआ है आँकड़ा इनमें छत्तीस काएक ही छत के नीचे,रहते हैं यह दोनों,पर दूर तक नहीं वास्ता नजदीक का। प्रेम … Read more

किसी ने नहीं समझा पाप…

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* इन्द्र देवता हैं ?नहीं!मर गया थाउनका उसी दिन देवत्व,जिस दिनअवैध रूप से किया था उन्होंनेअहिल्या के घर में प्रवेश,किया था उनके साथ दुराचार।उनका वह कर्म,छल,कपट व एक स्त्री की इच्छा के विरुद्ध थाकिंतु वे स्वर्ग के राजा थे,इसीलिए स्वर्ग की कामना करने वाले लोगऋषि,मुनि,गंधर्व,देवता,पंडित,पुरोहित,किसी ने नहीं किया इन्द्र से सवाल…।किसी … Read more

अमृतधारा बने

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************************************ बेसहारों का सदा सहारा बने,डूबते हुए का किनारा बने। प्यास मन की मिट ही जाए,जल की ऐसी अमृतधारा बने। दूर हो निराशा के तमस सारे,ज्ञान का ऐसा उजियारा बने। देश को समर्पित हो तन-मन,सबकी आँखों का तारा बने। हृदय बसी हो ईश की मूरत,मन ये पावन और न्यारा बने। काम अच्छे … Read more