रूप तुम्हारा

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* रूप तुम्हारा बल्ले बल्ले,आँख शराबी वाह-वाह जी।गालों पे जो तिल है तुम्हारे,वो हमें पुकारे वाह-वाह जी। गर्दन सुराहीदार तुम्हारी,होंठ गुलाबी पंखुड़ी जी।आँखों की भाषा…

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रोटियाँ

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’मुंबई(महाराष्ट्र)****************************************************************** भूख का श्रृंगार तो,होती हैं रोटियाँ,और माँ का प्यार भी,होती हैं रोटियाँ।जिंदगी बेशक लहू की, कर्जदार हो,रक्त का आधार तो, होती हैं रोटियाँ॥ भूप हो या भूप…

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उनके गुण गाता हूँ

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** माँ के प्रति जो श्रद्धा रखते,मैं उनके गुण गाता हूँ,अपना मस्तक श्री चरणों में,उनके यार झुकाता हूँ। रक्षा हित सीमा पर सैनिक,अपना शीश कटाते…

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कोरोना से बढ़ी योग की स्वीकार्यता

ललित गर्गदिल्ली ******************************************************************* अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस २१ जून विशेष भारतीय योग एवं ध्यान के माध्यम से भारत दुनिया में गुरु का दर्जा एवं एक अनूठी पहचान हासिल करने में सफल…

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पिता की यादें

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)***************************************************************** 'पिता दिवस' २१ जून विशेष यह मेरी नियति की मुझे मेरे पिता का प्रेम बहुत लंबे समय नहीं मिल पाया,आज जब में उम्र के इस दौर…

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परीमाला के सपने

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)*********************************************************************** आज रविवार का दिन है और दिन के ११ बज रहे हैं। मैं गिन्नी के वीडियो कॉल का इंतजार कर रही हूँ। गिन्नी मेरी लड़की, जिसका नाम…

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युद्ध

गंगाप्रसाद पांडे ‘भावुक’भंगवा(उत्तरप्रदेश)**************************************************************** युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं,अवांछित बयान भी आ रहे हैं। मानवता सिसकियां ले रही है,द्रोही सिर्फ सड़ांध फैला रहे हैं। हम कई मोर्चों पे लड़ रहे…

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प्रारंभ जिंदगी का

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ********************************************************************** जग में आकर जीव को,नूतन हो आभास।नवजीवन नव जगत में,नव आशा विश्वास।नव आशा विश्वास,नया घर नव संरचना।नव विचार,आचार,कर्म,विद्या नव रचना।नव समाज नव धर्म,विधाता धरता है पग।सीख-सीख…

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चीन की गुस्ताखी माफ नहीं

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************** छल पे छल करता चीनी,अब बातों में ना आएंगे,गहरी चालों के भ्रम जालों में हम ना पड पाएंगे। मित्रता का ढोंग रचाता साजिशें करता जाता है,बातें इस…

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नेह नीर बरसाओ न…

देवश्री गोयल   जगदलपुर-बस्तर(छग) ******************************************************* तरंगिनि-सी…बह रही हूँ मैं,तुम जल तरंग बजाओ न…lविरहिणी-सी…जी रही हूँ मैं,तुम संग-संग आ जाओ न…lमृगमरीचिका-सी…भटक रही हूँ मैं,तुम नेह नीर बरसाओ न…lनवकोपल-सी…लहक रही हूँ,तुम वट वृक्ष…

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