बेचारा मजदूर
डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ********************************************************************** यह बीमारी खा गई-धंधा,बनकर क्रूर।गाँव वापसी कर रहे,मेहनती मजदूरll तन-मन से सब काम कर,जिसने आपा खोय।पत्नी बच्चों के लिए,दिवस-रात नहीं सोयllअब क्या होगा काम बिन,कैसे भूख…