कमर कस प्रहरी

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’बरेली(उत्तर प्रदेश)********************************************************************** ये कौन आया,जिसने ऐसा जाल बिछाया,पहले फैलाया ‘कोरोना’,अब सीमा पर ध्यान लगाया।ओ प्रहरी वतन के,रहना सजग,सीमा पर संकट है आया॥ वीर प्रतापी सैनिक बलिदानी,दस कदम पीछे कर देते,दो कदम जो बढ़कर आया।बागडोर वतन की,हाथ तुम्हारे,कमर कस प्रहरी,सीमा पर संकट है आया॥ इधर चीन है,उधर पाक है,नेपाल को भी तूने भड़काया।न … Read more

कहर देखो

अनिल कसेर ‘उजाला’ राजनांदगांव(छत्तीसगढ़)********************************************************************* पानी का बरपा कहर देखो,बन गया पानी,जहर देखो। बादल बरसे हर तरफ ऐसे,हो गये सभी तर-बतर देखो। पेड़ काट-काट तुमने यारा,मौत का चुन लिया सफर देखो। वातावरण को किया है दूषित,वो ही आ रहा है नजर देखो। रोके से क्या रुकी जल की धारा ?बना के चाहे लोहे की नहर देखो। हँसते-हँसाते … Read more

व्यवस्थाओं से डर लगता है अब तो!

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** वर्तमान में हमारे देश में कुछ ऐसी ही व्यवस्था का सामना करना पड़ रहा है। वैसे काम करने वालों की ही आलोचना होती है। जो जितना पढ़ा-लिखा हो,उसे उतनी अधिक भ्रांतियां होती है। शायद हमारे प्रधान सेवक कोई भ्रम वाले नहीं हैं,दूसरा जबरदस्त नेता होने से उनके सामने किसी की बोलने की हिम्मत … Read more

माँ ही ज्ञानी

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** ज्ञानी निर्मल बोलते,उनका है गुणगान।कठिन राह भी सरल हो,ऐसा देते ज्ञान।ऐसा देते-ज्ञान निरन्तर,पथ दिखलाएँ।गिरते पथ पर,मानुष को वे,राह बताएँ।आशा कहती,कभी न होवें,हम अभिमानी।धारण कर लें,सहज वचन जो,बोलें ज्ञानी। ज्ञानी गंगा है कहे,जिसको जग संसार।माँ की ममता नेक है,नेक हृदय का सार।नेक हृदय का-सार ज्ञान वो,प्रथम सिखाती।देती शिक्षा,सही गलत की,राह बताती।‘आशा’ कहती,इस … Read more

बेचारा

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)********************************************************************* भीड़ भरी बस में ठूस-ठाँस के चढ़ता हूँ,खाली सीट नहीं,मन ही मन कुढ़ता हूँअपने को बेसहारा पाकर भी चिढ़ता हूँ-पुरानी बातें पाने को अब तो तरसता हूँ;ऐसे में कोई जवान खड़ा होकर-मुझको अपनी सीट पर बैठाता है,मैं मन से खुश नहीं हो पाता-क्योंकि,खुद को बेचारा पाता हूँ!! महिला-सीट पर … Read more

महेश करें तुम्हारी वंदना

मोहित जागेटियाभीलवाड़ा(राजस्थान)******************************************************************** महेश जयंती ३१ मई विशेष……….. भगवान महेश करें तुम्हारी हम ये वंदना।शीश झुका कर चरणों में नित्य जय महेश जपना॥ हम माहेश्वरी भगवान महेश की संतान हैं,महादेव का मिला हम सभी को ये वरदान है।करें हम जो अपना व्यापार खुद ही व्यवहार से,ये ही हमारी माहेश्वरी होने की शान है॥ भगवान महेश करें … Read more

कोरा दिखावा नहीं,संकल्प की जरुरत

ललित गर्गदिल्ली ******************************************************************* ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ ३१ मई विशेष….. विश्व जहां ‘कोरोना’ महामारी से जूझ रहा है,वहीं ऐसी ही गम्भीरतम महामारी है तम्बाकू और उससे जुड़े नशीले पदार्थों का उत्पादन, तस्करी और सेवन में निरन्तर वृद्धि होना। वैश्विक स्तर पर तंबाकू उपभोग कम करने वाली प्रभावी नीतियों के लिए वकालत करने और तंबाकू उपभोग … Read more

तेरे तीर सब बेअसर जा रहे

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)********************************************************* निशाने नजर से किधर जा रहे हैं,तेरे तीर सब बेअसर जा रहे हैं। हमारा तो बंजारों वाला सफर था,वो समझे कि हम अपने घर जा रहे हैं। टिकी है हमारी नजर जिनके ऊपर ,वो हमसे हुये बेखबर जा रहे हैं। खता मैंने अपनी कबूली तो है फिर,खिलाफत मेें क्यों इस कदर जा रहे … Read more

प्यासी चिड़िया

महेन्द्र देवांगन ‘माटी’पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़ ************************************************** देख रही है बैठी चिड़िया,कैसे अब रह पाएंगे,काट रहे सब पेड़ों को तो,कैसे भोजन खाएंगे। नहीं रही हरियाली अब तो,केवल ठूँठ सहारा है,भूख-प्यास में तड़प रहे हम,कोई नहीं हमारा है। काट दिया सब पेड़ों को तो,कैसे नीड़ बनाएंगे,उजड़ गया है घर भी अपना,बच्चे कहाँ सुलाएंगे। चीं चीं चीं चीं बच्चे … Read more

सृष्टि की जादूगरी

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)***************************************************************** यह सुबह,पंछियों की चहचहाहट,कुछ बोलती गाती यह कोयलचहकती,फुदकती यह गोरैया,कोयल इन दिनों,कुछ ज़्यादा हीकुंहुकती है।कभी लगता है उसकी,कुहू-कुहू से चीख-चुभनमचाती है।दिनभर यह रंग-बिरंगी,छोटी-सी चिड़िया जाने किससेबतियाती है।कभी कबूतरी की गुटर-गूं,मन भटकाती है।आम और पीपल के इस पेड़ पर,जाने कितने ही पंछियों नेअपने आशियाने बना लिए हैं।इन दिनों,यह सब,दिनभर जाने किसकोअपने सारे … Read more