मैं जीवन हूँ

सुख-दु:ख दोनों साथ लिए,आशाओं का आभास लिए, कभी विचलित कभी अविचल,कभी कल्पना को साथ लिए कभी थीर कभी कम्पित पग से,कभी गाँव कभी विस्तृत जग से, आगे बढ़ता जाता हूँ,इसीलिए जीवन कहलाता हूँ। कभी अगणित कभी गणित सरल,कभी पयस कभी विकट गरल, कभी तप्त कभी शीतल,कभी मधुर कभी खारा जल कभी अनन्त कभी निकट व्योम,कभी … Read more

साप्ताहिक ऑन लाइन कवि सम्मेलन कराया नई कलम ने

इंदौर (म.प्र.)। तालाबंदी के चौथे चरण के इस दौर में जहां जीवन फिर से मुख्य धारा में गतिशील होने का प्रयास कर रहा है,तो ऐसे सामाजिक समीकरण में कविता के माध्यम से जनसामान्य तक ऐसा ही एक सार्थक प्रयास साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था नई क़लम ने किया। संस्था के इस ऑनलाइन सम्मेलन में देश के … Read more

मेवाड़ी शान

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’ उदयपुर (राजस्थान)************************************************************ ‘महाराणा प्रताप और शौर्य’ स्पर्धा विशेष………. मेवाड़ी शान- राणा प्रताप पर, है अभिमान। राणा प्रताप- कोई सह न पाया, शौर्य का ताप। डिगा न सका- अकबर राणा को, झुका न सका। राणा अमर- दुश्मन भी काँपता, था थर-थर। अभिमानी थे- महाराणा प्रताप, स्वाभिमानी थे। समर खड़ा- स्वामी भक्त चेतक, युद्ध … Read more

साहित्यकार अनिता मंदिलवार ‘सपना’ को मिला महादेवी वर्मा शक्ति सम्मान

सरगुजा(छत्तीसगढ़)। साहित्यकार अनिता मंदिलवार ‘सपना’ (अंबिकापुर-सरगुजा, छतीसगढ़) को विश्व हिन्दी लेखिका मंच द्वारा राष्ट्रभाषा हिन्दी एवं नारी चेतना के प्रचार-प्रसार में विशेष योगदान,साहित्य के प्रति समर्पित भाव,प्रयास एवं सेवा के लिए ‘महादेवी वर्मा शक्ति सम्मान’ से सम्मानित किया गया है। साहित्यिक योगदान के लिए पहले भी बहुत बार सम्मानित हों चुकी सपना ने इसके लिए … Read more

आशा

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’ उदयपुर (राजस्थान)************************************************************ पराई आस- सदैव करती है, हमें निराश। पूरी उम्मीद- जैसे हो गई कोई, मीठी सी ईद। करो प्रयास- किसी का न टूटे, फिर विश्वास। छाती निराशा- जब मेरे दिल की, टूटती आशा। आशा न तोड़- जीवन अनमोल, मुख न मोड़। परिचय-निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म … Read more

नवजवान उठ

कृष्ण कुमार कश्यपगरियाबंद (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** नवजवान उठ,सर उठा,कदम बढ़ा, नवभारत पुकारता आज़ हो जा खड़ा। नवनिर्माण कर,बुराईयों को दूर कर, अच्छे कर्मों से समाज का उद्धार कर। अज्ञान का धूल हटा,आँखों में जो पड़ा, नवभारत पुकारता आज़ हो जा खड़ा॥ आज़ परिवर्तन का बिगुल बज उठा, नवचेतना का गांडीव हाथों में उठा। हिमालय-सा सीना तान,हो … Read more

मैं हिंदी का बेटा हूँ

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** मैं हिंदी का बेटा हूँ हिंदी पर जान लुटाता हूँ, असमीया-बांग्ला-नेपाली के घर आता-जाता हूँ। गैर नहीं कोई भाषा सबका हिंदी से नाता है- हिंदी के चरणों में रहकर सबको शीष झुकाता हूँll परिचय-अवधेश कुमार विक्रम शाह का साहित्यिक नाम ‘अवध’ है। आपका स्थाई पता मैढ़ी,चन्दौली(उत्तर प्रदेश) है, परंतु कार्यक्षेत्र की वजह … Read more

पलायन

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** फूट रहे हैं छाले,किन्तु थकन नहीं है पाँवों में, रचने वाले शहरों को- सब लौट रहे हैं गाँवों में। गाँव रहा लाचार हमेशा, शहर स्वार्थी रहा सदा आग उदर में सुलगी ऐसी, गाँव,शहर में आ झुलसा तृप्त शहर को तजा, विवश हो,भूखे बच्चों,माँओं ने। रचने वाले शहरों को- सब … Read more

भाई ही अभिमान

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)**************************************************** भाई ही होता सदा,भाई का अभिमान। भ्रात प्रेम से ही बने,यह जीवन आसान। यह जीवन आसान,बलाएं सब हर लेता। लखन,राम थे संग,बने वो तभी विजेता। ‘शिव’ आपस की फूट,सदा होती दु:खदाई। गया दशानन हार,विरोधी था जो भाईll परिचय- शिवेन्द्र मिश्र का साहित्यिक उपनाम ‘शिव’ है। १० अप्रैल १९८९ को सीतापुर(उप्र)में जन्मे शिवेन्द्र … Read more

कन्यादान

गरिमा पंत लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************************* बिटिया जब बड़ी होती है, हर माता-पिता कन्यादान करते हैं कितनी पीड़ा होती है उनको, जिसको पाल-पोस कर बड़ा किया उसे दूसरे के हाथ सौंपता है। कन्यादान का कर्ज, कोई नहीं उतार सकता बेटी को खुशियां देकर, मन कितना हल्का हो जाता है। अपने घर का चिराग देकर, दूसरे के घर में … Read more