मैं जीवन हूँ
सुख-दु:ख दोनों साथ लिए,आशाओं का आभास लिए, कभी विचलित कभी अविचल,कभी कल्पना को साथ लिए कभी थीर कभी कम्पित पग से,कभी गाँव कभी विस्तृत जग से, आगे बढ़ता जाता हूँ,इसीलिए…
सुख-दु:ख दोनों साथ लिए,आशाओं का आभास लिए, कभी विचलित कभी अविचल,कभी कल्पना को साथ लिए कभी थीर कभी कम्पित पग से,कभी गाँव कभी विस्तृत जग से, आगे बढ़ता जाता हूँ,इसीलिए…
इंदौर (म.प्र.)। तालाबंदी के चौथे चरण के इस दौर में जहां जीवन फिर से मुख्य धारा में गतिशील होने का प्रयास कर रहा है,तो ऐसे सामाजिक समीकरण में कविता के…
निर्मल कुमार जैन ‘नीर’ उदयपुर (राजस्थान)************************************************************ ‘महाराणा प्रताप और शौर्य’ स्पर्धा विशेष………. मेवाड़ी शान- राणा प्रताप पर, है अभिमान। राणा प्रताप- कोई सह न पाया, शौर्य का ताप। डिगा न सका-…
सरगुजा(छत्तीसगढ़)। साहित्यकार अनिता मंदिलवार 'सपना' (अंबिकापुर-सरगुजा, छतीसगढ़) को विश्व हिन्दी लेखिका मंच द्वारा राष्ट्रभाषा हिन्दी एवं नारी चेतना के प्रचार-प्रसार में विशेष योगदान,साहित्य के प्रति समर्पित भाव,प्रयास एवं सेवा के…
निर्मल कुमार जैन ‘नीर’ उदयपुर (राजस्थान)************************************************************ पराई आस- सदैव करती है, हमें निराश। पूरी उम्मीद- जैसे हो गई कोई, मीठी सी ईद। करो प्रयास- किसी का न टूटे, फिर विश्वास। छाती…
कृष्ण कुमार कश्यपगरियाबंद (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** नवजवान उठ,सर उठा,कदम बढ़ा, नवभारत पुकारता आज़ हो जा खड़ा। नवनिर्माण कर,बुराईयों को दूर कर, अच्छे कर्मों से समाज का उद्धार कर। अज्ञान का धूल…
अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** मैं हिंदी का बेटा हूँ हिंदी पर जान लुटाता हूँ, असमीया-बांग्ला-नेपाली के घर आता-जाता हूँ। गैर नहीं कोई भाषा सबका हिंदी से नाता है- हिंदी…
निर्मल कुमार शर्मा ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** फूट रहे हैं छाले,किन्तु थकन नहीं है पाँवों में, रचने वाले शहरों को- सब लौट रहे हैं गाँवों में। गाँव रहा लाचार हमेशा, शहर…
शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)**************************************************** भाई ही होता सदा,भाई का अभिमान। भ्रात प्रेम से ही बने,यह जीवन आसान। यह जीवन आसान,बलाएं सब हर लेता। लखन,राम थे संग,बने वो तभी विजेता। 'शिव'…
गरिमा पंत लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************************* बिटिया जब बड़ी होती है, हर माता-पिता कन्यादान करते हैं कितनी पीड़ा होती है उनको, जिसको पाल-पोस कर बड़ा किया उसे दूसरे के हाथ सौंपता है। कन्यादान…