सुदामा दुबे
सीहोर(मध्यप्रदेश)
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अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष….
वाणी का श्रृंगार है हिंदी,
जीवन का आधार है हिंदी।
निश्छल निर्मल सरिता जैसी,
सरस सुधा की धार है हिंदी।
ममता इसमें अपनेपन की,
माँ का लाड़-दुलार है हिंदी।
सौरभ इसमें भाँति-भाँति की,
पुष्पों का एक हार है हिंदी।
जन से जन को जोड़ने वाली,
एक ऊर्जा का तार है हिंदी।
लगे भट्टिनी भाषाओं की,
भाव हृदय का सार है हिंदी॥
परिचय: सुदामा दुबे की की जन्मतिथि ११ फरवरी १९७५ हैL आपकी शिक्षा एम.ए.(राजनीति शास्त्र)है L सहायक अध्यापक के रूप में आप कार्यरत हैं L श्री दुबे का निवास सीहोर(मध्यप्रदेश) जिले के बाबरी (तहसील रेहटी)में है। आप बतौर कवि काव्य पाठ भी करते हैं। लेखन में कविता,गीत,मुक्तक और छंद आदि रचते हैंL