कुल पृष्ठ दर्शन : 263

You are currently viewing प्यारा वतन

प्यारा वतन

डॉ.एन.के. सेठी
बांदीकुई (राजस्थान)

*************************************************************************

गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………

हमें वतन से प्यार बहुत है,
हम इसके रखवाले हैं।
भारत माता के बेटे हैं,
हम सच्चे दिलवाले हैं॥

वतन के लिए जीना हमको,
सब-कुछ वतन हमारा है।
मातृभूमि की रक्षा खातिर,
मरना हमे गवाँरा है॥

वतन हमारी आन-बान है
हैं हम सब हिंदुस्तानी।
उसका अस्तित्व मिटा देते,
जो चाल चले शैतानी॥

भारत माता के बेटे हम,
कभी न पीठ दिखाते हैं।
जो आँख दिखाता है हमको,
उसको सबक सिखाते हैं॥

सत्य अहिंसा के पालक हम,
भारत वतन हमारा है।
सत्य सनातन संस्कृति अपनी,
सकल सृष्टि से न्यारा है॥

स्वर्ग से बढ़कर धरा है ये,
देव यहाँ हर बच्चा है।
इस वसुधा पर रहने वाला,
हर इक मानव सच्चा है॥

कितनी संस्कृतियां नष्ट हुई,
दृढ़ अस्तित्व हमारा है।
कितने संकट झेले हमने,
अखण्ड वतन हमारा है॥

सदियों से चला आ रहा जो,
यह अस्तित्व हमारा है।
जिसकी है पावन परम्परा,
प्यारा वतन हमारा है॥

परिचय-पेशे से अर्द्ध सरकारी महाविद्यालय में प्राचार्य (बांदीकुई,दौसा)डॉ.एन.के. सेठी का बांदीकुई में ही स्थाई निवास है। १९७३ में १५ जुलाई को बांदीकुई (राजस्थान) में जन्मे डॉ.सेठी की शैक्षिक योग्यता एम.ए.(संस्कृत,हिंदी),एम.फिल.,पीएच-डी., साहित्याचार्य,शिक्षा शास्त्री और बीजेएमसी है। शोध निदेशक डॉ.सेठी लगभग ५० राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में विभिन्न विषयों पर शोध-पत्र वाचन कर चुके हैं,तो कई शोध पत्रों का अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशन हुआ है। पाठ्यक्रमों पर आधारित लगभग १५ व्याख्यात्मक पुस्तक प्रकाशित हैं। कविताएं विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। आपका साहित्यिक उपनाम ‘नवनीत’ है। हिंदी और संस्कृत भाषा का ज्ञान रखने वाले राजस्थानवासी डॉ. सेठी सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत कई सामाजिक संगठनों से जुड़ाव रखे हुए हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत तथा आलेख है। आपकी विशेष उपलब्धि-राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में शोध-पत्र का वाचन है। लेखनी का उद्देश्य-स्वान्तः सुखाय है। मुंशी प्रेमचंद पसंदीदा हिन्दी लेखक हैं तो प्रेरणा पुंज-स्वामी विवेकानंद जी हैं। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-
‘गर्व हमें है अपने ऊपर,
हम हिन्द के वासी हैं।
जाति धर्म चाहे कोई हो 
हम सब हिंदी भाषी हैं॥’

Leave a Reply