कुल पृष्ठ दर्शन : 181

You are currently viewing बेहतर दानव है आज मानव से

बेहतर दानव है आज मानव से

रश्मि लता मिश्रा
बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
******************************************************************
आए दिन यह दुर्घटनाएँ,
इतनी नीचता!
समझ ना पाए।
वह भी ऐसे दौर में जब,
सब मनमर्जी चलती है।
फिर भी जबरदस्ती यह कैसी!
कैसी यह मर्दानगी है ?
भूल क्यों जाते हैं यह सब,
वहशीपन अपनाते हैं।
इंसान होकर पशुओं से भी,
गिरी हरकत कर जाते हैं।
कैसे जिंदा रहने की फिर,
और तमन्ना बचती है ?
जब सारी दुनिया ही इनके,
कर्मों पर थू-थू करती है।
दानव की दुनिया में भी,
कुछ उसूल होते होंगे,
कैसे मानव हो यह सोचो!
दानव तुमसे बेहतर होंगे॥

परिचय-रश्मि लता मिश्रा का बसेरा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) में है। जन्म तारीख़ ३० जून १९५७ और जन्म स्थान-बिलासपुर है। स्थाई रुप से यहीं की निवासी रश्मि लता मिश्रा को हिन्दी भाषा का ज्ञान है। छत्तीसगढ़ से सम्बन्ध रखने वाली रश्मि ने हिंदी विषय में स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की है। आपका कार्यक्षेत्र-शिक्षण(सेवानिवृत्त शिक्षिका )रहा है। सामाजिक गतिविधि के अन्तर्गत समाज में उपाध्यक्ष सहित कईं सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं में भी पदाधिकारी हैं। सभी विधा में लिखने वाली रश्मि जी के २ भजन संग्रह-राम रस एवं दुर्गा नवरस प्रकाशित हैं तो काव्य संग्रह-‘मेरी अनुभूतियां’ एवं ‘गुलदस्ता’ का प्रकाशन भी होना है। कईं पत्र-पत्रिकाओं में इनकी रचनाएं प्रकाशित हैं। प्राप्त सम्मान-पुरस्कार में-भावांजलि काव्योत्सव,उत्तराखंड की जिया आदि प्रमुख हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-नवसृजन एवं हिंदी भाषा के उन्नयन में सहयोग करना है। पसंदीदा हिन्दी लेखक-सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ एवं मुंशी प्रेमचंद हैं। प्रेरणापुंज-मेहरून्निसा परवेज़ तथा महेश सक्सेना हैं। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“हिंदी भाषा देश को एक सूत्र में बांधने का सशक्त माध्यम है।” जीवन लक्ष्य-निज भाषा की उन्नति में यथासंभव योगदान जो देश के लिए भी होगा।

Leave a Reply