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अभा साहित्य सदन की काव्य गोष्ठी में बही रसधार

मंडला(मप्र)।

अखिल भारतीय साहित्य सदन की ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। अध्यक्षता डॉ. नमिता राकेश द्वारा की गई। मुख्य अतिथि के रूप में कर्नल प्रवीण त्रिपाठी और विशिष्ट अतिथि भगत सिंह राणा ‘हिमाद’ थे।
डाॅ. राजीव पांडेय के कुशल संचालन में इस गोष्ठी का शुभारंभ किया गया। सर्वप्रथम मंच पर संस्था अध्यक्षा कुसुम लता ‘कुसुम’ की सरस्वती वंदना से गोष्ठी का आगाज़ किया गया। अलग-अलग प्रांतों से कविगणों ने अपने शानदार काव्य पाठ से कार्यक्रम को ऊंचाई प्रदान की। प्रतिभागी कवि में डाॅ. रामनिवास ‘इंडिया’,डाॅ. राकेश,डाॅ. पांडेय, कुसुम लता,रोहित कुमार ‘रोज’,डाॅ. अशोक कुमार मयंक,प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे(मंडला),डॉ. नीलम खरे(मंडला),सुनीता पुनिया,नीलम गुप्ता,भावना गौड़,नेहा गुप्ता एवं अर्चना गोयल आदि रहे।
प्रो.शरद नारायण खरे का गीत-“सूनापन है,मातम दिखता,बुझे-बुझे चेहरे हैं। कौन सुनेगा,किसे सुनाएं,यहां सभी बहरे हैं”,काफी सराहा गया। डॉ. नीलम खरे की मधुर सरस्वती-वंदना भी पसंद की गई।
डॉ. पांडे, ‘कुसुम’ व डॉ. इंडिया के गीतों ने काव्य सभा को ऊंचाईयां प्रदान कीं।

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