हिम्मत न हारेंगे

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** ज़िंदगी मिली चार दिन की, हम नहीं इसको वारेंगे,जी लो आओ तुम भी जीवन, रंजो-गम ललकारेंगे। जीवन में संघर्ष बहुत है, जगह-जगह बाधाएं हैं,हम भी जिद्दी जिगरा…

0 Comments

तभी सच होगा सपना

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)**************************************** सपना पूरा आपका, होगा साथी खास।ईश विनय कर कामना, मन में रख विश्वास॥मन में रख विश्वास, बढ़ाना पग अब अपना।ऊँची सोच-विचार, ध्यान से प्रभु को…

0 Comments

माखनचोर मनभावन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** माखनचोर मुदित मनभावन,मातु यशोदा लखि मुस्काईग्वाल बाल चंचल नटखटपन,नंदलाल नवनीत चुराई। नटवर ग्वाल बाल से डरकर,ग्वालन सींक मटका लटकाई,चढ़े एक पर एक कंध पर,कान्हा…

0 Comments

जादुई छाता

डॉ.अशोकपटना(बिहार)*********************************** सोनू का गाँव था सदैव पानी शून्य,सोनू ने दिल से की प्रार्थना सम्पूर्ण। ईश्वर आए और दुःख को जानें,सोनू से सुन सब-कुछ पहचानें। पानी की बात पर बड़ी थी…

0 Comments

अंतिम विदाई

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* अन्तिम विदाई जब घर से हमारी करिएगा बलम,भूल जाइएगा सात फेरों का वचन और कसम। अन्तिम विदाई में सुन्दर सजाना हमारी डोली बलम,भर देना उसमें गेंदा-गुलाब-जूही,…

0 Comments

उड़ता पंछी

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* मोटी-मोटी सलाखों वाली,छोटी-छोटी खिड़कियों की…सफ़ेद दिवारों से सटी,बिना पलकें झपकाई…सूनी-सूनी आँखें…। सफ़ेद लोहे के पंलग पर…,कई सिलवटों और तहों भरीसफ़ेद चादरों पर ऐंठी टाँगें…,बगल में पड़ी…

0 Comments

गिर रही कीमत इंसान की

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* गिर रही है रोज़ ही,कीमत यहाँ इंसान की।बढ़ रही है रोज़ ही, आफ़त यहाँ इंसान की॥ न सत्य है,न नीति है,बस झूठ का बाज़ार हैन…

0 Comments

खुशियों का सैलाब

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* कुछ बूँदें फिसलने लगीं,खिड़कियों के शीशे परन जाने कितनी मुहब्बतें,बरसायीं आसमां ने धरा पर…। सोंधी खूशबू आने लगी,हर एक मिट्टी के कण सेउर को महकाने लगी,रिमझिम…

0 Comments

सद् विचार पूँजी बड़ी

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* सद् विचार पूँजी बड़ी, माने ये संसार।ग़लत राह से रोकते, कम करते हैं खार॥ धनवानों को राहबर, रोज़ करें सैल्यूट।देश लूटने की सदा, देते…

0 Comments

नुक्ताचीनी

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** रचनाशिल्प:८-८-८-८, अंत गुरु लघु.... होता कुछ का स्वभाव, कहो तो दिखाते ताव,जाने क्यों वे खाते भाव, लोचना जिनके रूप। नुक्ताचीन है इंसान, खुद को समझे महान,दूसरे हैं…

0 Comments