बोलिए कहाँ हम हैं

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** तुम 'से कम बोलिए कहाँ हम हैं।तुम ज़मीं हो तो आसमाँ हम हैं। एक दिल और एक जाँ हम हैं।एक-दूजे पे 'मेह्रबाँ हम हैं। क्या बताएँ…

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बाल श्रमिक अभिशाप

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)*************************************** मजबूरी सर है चढ़े, सभी गरीबी आप।करते बच्चे काम हैं, बाल श्रमिक अभिशाप॥बाल श्रमिक अभिशाप, पेट के खातिर करते।दु:ख-पीरा को आज, देख लो कैसे सहते॥कहे…

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सन्मार्ग दिखाएं

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** मानव को मानव जीवन में,मानवता का धर्म सिखाएंराह छोड़ 'पथ भ्रष्ट' हुए जो,उन सबको सन्मार्ग दिखाएं। पथ से भटके हुए लोग ही,दुनिया में कोहराम मचातेनीति, नियम, संयम,…

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क़लम की ताकत

डॉ.अशोकपटना(बिहार)*********************************** समाज में दमदार उपस्थिति का,सबसे बड़ा उपहार हैबुद्धिजीवियों के लिए,सर्वोत्तम संस्कार है। क़लम नवीनतम भावों को,स्पष्टता से अभिव्यक्त करती हैमुश्किल क्षणों में खुशहाली का,रंग लोगों में दिल से भरती…

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धरती और आसमान

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** जब भी कुछ फ़ुरसत मिलती हैकुछ आसमान चढ़ लेते हो,अम्बर की गर्वित ऊँचाईको थोड़ा कम कर देते हो। सपनों के उड़ते बादल कोडोरी से खींच धरातल…

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यह दुनिया रंग-रंगीली

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** यह दुनिया रंग-बिरंगी है,यह दुनिया तो सतरंगी हैभांति-भांति के रंग बिखरे,यह दुनिया रंग-रंगीली है। रंग हार का रंग जीत का,रंग विरह का रंग प्रीत कानित-नित नये-नये…

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बेइंसाफी

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)****************************************** सजा-ए-मौत सुनाकर भरी अदालत में,फिर से अपील कर होती जहां पर माफी हैवह अदालत की है शहर-ए-आम तौहीन,या फिर, न्याय के चाहवानों से बेइंसाफी है। जहां…

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प्यास

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** अन्तर्मन का घट रीता है कैसे मैं भर पाऊँ,ज्ञान पिपासा बढ़ती जाए कैसे प्यास बुझाऊँ। दर-दर फिरा भटकता लेकिन सत्गुरु कहीं न पाए,खोह गुफाएँ जंगल ढूँढा…

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दिल को भी खुद के जैसा…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* दिल को भी खुद के जैसा, भगवान तुमने बनाया,कोई, दिल को भी देख न पाया।कोई, दिल को भी देख न पाया॥ सागर-सी इच्छा देकर,…

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परिश्रम ही अमृत ज्ञान

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** सही परिश्रम कर तर जाओगे,दुनिया को अपना कर जाओगेजीते जी सम्मान तुम पाओगे,मरकर भी सदैव पूजे जाओगे। परिश्रम है सफलता की कुंजी,यही है हमारी एकमात्र…

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