विश्वगुरु भारत

कवि योगेन्द्र पांडेयदेवरिया (उत्तरप्रदेश)***************************************** कहीं अंधकार में ना, डूब जाए तरुणायी,क्रांति की मशाल तन-मन में जलाना है।भोर के समय यहाँ, सोए हुए लोग हैं जो,जागरण गीत लिख, उनको जगाना है।…

0 Comments

करते हैं कृपा

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ श्री शिवाय नमस्तुभ्यम.... करते हैं सब पर कृपा, आशुतोष भगवान।वही 'विनायक' की तरह, पाते हैं सम्मान॥ गुरुवर मेरे शम्भु शिव, मेरे पालनहार।मैं तो हूँ तेरी…

0 Comments

अच्छा है

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** ममता… साथ निभाना अच्छा है,समझे… उसे समझाना अच्छा है। नेकी… करते जो हाथ जले तो,गलतियाँ… दोहराना अच्छा है। गुस्से से… जब खून उबलता हो,गम… उस वक्त चबाना…

0 Comments

हर मुश्किल से जूझ तू

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* हर मुश्किल से जूझ तू, रहकर के गतिशील।विपदाओं में ठोक दे, तू इक पैनी कील॥ गहन तिमिर डसने लगा, भाग रहा आलोक।पर तू रख यदि हौंसला,…

0 Comments

चौबीस शुभ संदेश ध्येय हो

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* करें विदाई तेइस अतीत, जी-२० भारत कीर्ति गढ़ा होस्वागत है नववर्ष तुम्हारा, सुखद प्रगति उल्लास नया हो। सुख नया साल परिपेक्ष्य नए, हो नव…

0 Comments

रखें आशाएँ

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** नव वर्ष विशेष... रखें आशाएँजीवन खेल नयाये समझाए। हो हँसी-खुशी,रिश्ते हो जिंदादिलहो प्रेम-शांति। मन न सूखेमुस्काए हर डालखिलता जाए। मिटे दूरियाँहो जाए सब भलाटले विपदा। बढ़ाओ प्रीतभुला…

0 Comments

गुजर गया यह साल

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** नव वर्ष विशेष... थोड़ी खुशियाँ, थोड़े गम थे,यादें रह गई बाकीजिनको जो मिलना था, मिल गया,कुछ को आशा जरा-सी। 'अजस्र' आशा से जीवन चलता,दिन-दिन,…

0 Comments

मानव धर्म अनमोल

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान) *************************************** विश्वास: मानवता, धर्म और राजनीति मानव धर्म अनमोल है,नहीं है इसका कोई मोलप्रेम-भाव मन में रखना है,सोच-समझकर मुख से बोल। बुरा किसी का करना नहीं,हृदय के…

0 Comments

विद्रूप से हुए आज सब

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** विश्वास:मानवता, धर्म और राजनीति... देखो-देखो जी घिनौना खेल खेल रहे हैं,धर्म और राजनीति का खेल खेलने वालेखिलाड़ी तो खेलते हैं धुआंधार दिन-रैना,मार तो झेलते हैं सदा…

0 Comments

कैसा है नववर्ष का आगमन

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* नव वर्ष विशेष... छाया है कोहरा, बढ़ रही है ठिठुरन,ये कैसा है नववर्ष का आगमन ?तनिक ठहरो कुछ और दिन सब,तब आएगा नवसंवत्सर। छिपे हैं सब…

0 Comments