‘समान नागरिक कानून’ शुभ संदेश

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** 'एक कानून, एक देश', ऐसा बनेगा भारत देश,बंटवारे में चाहिए था, उनको अपना अलग से देशसत्य सनातन देश में दर्जा उन्हें विशेष,इच्छा पूरी कर दिए…

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प्रकृति स्नेह

सच्चिदानंद किरणभागलपुर (बिहार)**************************************** प्रकृति प्रदत्त सभीजड़त्व के मूल में,अस्तित्व की सम्पूर्ण आस्थाव्ववहारिक रूप से हरमानवीय गुण पर्याप्त है। उसकी भी मनोदशा होतीउत्थान-पतन की,वह भी सोता-जागता हैआपस में एक-दूसरे के,संग अपना…

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जल की पाती

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** जल कहता-इंसान व्यर्थ क्यों ढोलता मुझे,आवश्यकता होने परखोजने क्यों लगता मुझे। बादलों से छनकर,मैं जब बरसतासहेजना ना जानता,इसलिए इंसान तरसता। ये माहौल देख के,नदियाँ रुदन करने लगतीउनका…

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किसान- भारत श्रेष्ठ महान

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* भाद्र मास बारिश गहन, भरे खेत खलिहान।उपवन कानन जल भरे, पोखर नदी ढलान॥ खेतों में जब जले भरे, प्रमुदित हृदय किसान।लाये पौधा धान का,…

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थे ज्ञानी-ध्यानी

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** अमिट छापआम्बेडकर बाबाथे ज्ञानी-ध्यानी। खारा नमकघर की वृद्धाएंहै गुणवान। लड़ना सीखोजीवन संघर्षों सेमृत्यु अटल॥ परिचय-डॉ. पूजा हेमकुमार अलापुरिया का साहित्यिक उपनाम ‘हेमाक्ष’ हैL जन्म तिथि…

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काली घटा संग काले बादल

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** बे-मौसम के काले बादल,मस्त हवा, निराले बादलरिमझिम वर्षा काले बादल,बिन मौसम मतवाले बादल। सिकुड़न, सर्द बढ़ा दे बादल,बड़े घने यह काले बादलआंधी-तूफ़ाँ ये काले बादल,मैखाने…

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अपनी निशानी छोड़ जा

अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* आया है जग में तू प्यारे, अपनी निशानी छोड़ जा।दुष्कर्मों से अपना नाता, ऐ प्राणी तू तोड़ जा॥ मिट्टी की है काया मानव, मिट्टी में मिल…

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क्यों आँसू अब तक नहीं बहे !

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** आँसू नहीं बह रहे हैं तो कोई तो कारण होगा,रोती रह जाऊँगी तो कैसे बच्चों का पालन होगाछोटे से बच्चों को भाग्य भरोसे छोड़ गए हो तुम,मेरे…

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हर शब्द अमृत

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ उसका हर एक शब्द अमृत है,वह हर युग में अपना परिदृश्य बताती रहीज्ञान के इस कुंज में वहहमें ज्ञानी बनाती रही,भटकते हुए हर एक जीव…

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उलझते रिश्ते

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* दुनिया उलझी है रिश्तों में,हम तो जी रहे हैं किश्तों में। किसी की बीवी किसी की साली,किसी की साली किसी की घरवालीकिसी की बहना…

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